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21/06/2025

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19/06/2025

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13/06/2025

भावपूर्ण श्रध्दांजलि🙏😢🕯🕯🕯😢🙏
अहमदाबाद से उड़ान भरने वाला एयर इंडिया का विमान, जिसमें 242 यात्री सवार थे, दुर्भाग्यवश दुर्घटनाग्रस्त हो गया। यह घटना अत्यंत दुखद और हृदय विदारक है।
ईश्वर दिवंगत आत्माओं को शांति प्रदान करें और शोक संतप्त परिजनों को यह दुख सहने की शक्ति दें। हम सभी इस कठिन समय में उनके साथ हैं।
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10/06/2025

पित्ताशय की पथरी (कोलेलिथियसिस) Gallstone

बहुत से लोग गॉल ब्लैडर स्टोन से पीड़ित हैं। पित्ताशय हमारे शरीर के दाहिनी बगल में लीवर के नीचे स्थित होता है। इसमें पित्त (Bile) स्टोअर किया जाता है। इस पित्त का उपयोग पाचनक्रिया के लिए किया जाता है।पित्ताशय में कभी-कभी पित्ताशय पथरी(गॉल ब्लैडर स्टोन) हो जाती है। पित्ताशय के पित्त में कोलेस्ट्रॉल का प्रमाण अधिक होने से गॉल ब्लैडर स्टोन होता है। यह समस्या पुरुषों के बदलें महिलाओं में अधिक पाई जाती है।
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पित्ताशय की पथरी के प्रकार (Types of Gall Bladder Stones)

पित्ताशय की पथरी के इलाज के बारे में जानकारी से पहले यह जानना आवश्यक है कि पित्त की पथरी कितने प्रकार की होती है। कुछ मामलों में पथरी के प्रकार के आधार पर ही इलाज की योजना बनती है। पित्ताशय की पथरी को उनकी संरचना के आधार पर दो मुख्य प्रकार में बांटा गया है:

1.कोलेस्ट्रॉल पथरी: कोलेस्ट्रॉल की पथरी पित्ताशय की पथरी का सबसे आम प्रकार है। यह लगभग 80 से 85% मामलों के लिए जिम्मेदार होते हैं। जैसा कि नाम से पता चलता है कि जो पथरी कोलेस्ट्रॉल से बनती है वह कोलेस्ट्रॉल पथरी कहलाती है। यह पित्त में पाया जाने वाला एक वसायुक्त पदार्थ है। यह पथरी आकार और रंग में भिन्न हो सकती हैं। अधिकतर मामलों में पथरी का रंग पीला और हरा होगा। कोलेस्ट्रॉल की पथरी तब विकसित होती है जब पित्त में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा संतुलित नहीं होती है, जिसके परिणामस्वरूप शरीर में कोलेस्ट्रॉल मात्रा बढ़ जाती है और यह जमने लग जाते हैं।
2.पिगमेंट पथरी: पिगमेंट पथरी मुख्य रूप से बिलीरुबिन से बनती है। बिलीरुबिन एक प्रकार का पदार्थ है जो रेड ब्लड सेल्स के टूटने के बाद उत्पन्न होने वाले वेस्ट प्रोडक्ट से बनता है। इस प्रकार की पथरी का निर्माण कैल्शियम से भी हो सकता है, जो पित्त में पाया जाता है। कोलेस्ट्रॉल की पथरी के विपरीत, ये पथरी आम तौर पर छोटी और गहरे रंग की होती है। जब पित्त में बिलीरुबिन की मात्रा अत्यधिक हो जाती है तो पित्त अपना काम नहीं कर पाती है, जिसके कारण पित्त की पथरी का निर्माण होता है।
पित्ताशय की पथरी क्यों होती है? (Causes of Gall Bladder Stone)
पित्ताशय की पथरी निम्न कारणों से होती है:

पित्ताशय में रासायनिक असंतुलन(Chemical imbalance in Gall Bladder) पित्त पथरी का कारण बनता है।
पित्ताशय के पित्त में कोलेस्ट्रॉल, कैल्शियम ग्लाइकोकोलेट और बिलीरुबिन की मात्रा अधिक होने से पित्ताशय की पथरी(Gall Bladder Stone) होती है।
पित्ताशय में 80 प्रतिशत पथरी कोलेस्ट्रॉल से बनी होती है।
20 प्रतिशत पित्त पथरी कैल्शियम ग्लाइकोलेट और बिलीरुबिन से बनी होती है।
पित्ताशय की पथरी के जटिलताएं (Complications of Gall Bladder Stones)
पित्ताशय की पथरी (गॉलस्टोन) के कारण स्वास्थ्य से जुड़ी गंभीर समस्याएं पैदा हो सकती हैं। इनसे हो सकने वाली कुछ जटिलताएं इस प्रकार हैं:

गॉलब्लैडर या पित्ताशय की बीमारियां: पित्ताशय की पथरी (गॉलस्टोन), बिलियरी डिसकाइनेजिया और पित्ताशय के कैंसर जैसी पित्ताशय की विभिन्न बीमारियां पैदा कर सकती हैं। इससे पित्त (बाइल) का प्रवाह रुक सकता है, जिससे पित्ताशय में सूजन और स्कारिंग हो सकती है।
लिवर की बीमारी: जब पित्त लिवर में वापस आता है, तो यह स्कारिंग और सूजन पैदा कर सकता है। लगातार ऐसा होते रहने से लिवर में क्षति हो सकती है।
गॉलस्टोन पैंक्रियाटाइटिस: पित्ताशय की पथरी (गॉलस्टोन) के कारण ब्लॉक हो चुकी पैंक्रियाटिक डक्ट(Pancreatic Duct) के कारण पैंक्रियाज़(Pancreas ) या अग्नाशय में सूजन आ सकती है।
पीलिया (जॉन्डिंस): जब यह इकट्ठा हुआ पित्त खून में जाता है, तो इसके कारण आंखों तथा स्किन में पीलापन आ सकता है। ऐसा बिलीरुबिन के कारण होता है, जो पित्त में बनने वाला एक पीले रंग का रंजक (पिगमेंट) है।
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पित्ताशय की पथरी के लक्षण (Symptoms of Gall Bladder Stone)
आमतौर पर पित्ताशय की पथरी के लक्षण(Symptoms of Gall Bladder Stone) काफ़ी लोगों में दिखाई नहीं देते.

पित्ताशय की पथरी की वजह से पित्ताशय की सूजन और दाहिनी बगल में दर्द
पेट में दर्द
बुखार
जी मिचलाना
उल्टी होना
पीलिया(Jaundice)
पेशाब का गहरा पड़ना,
मल सफेद या मैले रंग का होना,
पसीना
पेट भर जाना और डकार आना
पित्ताशय की पथरी का निदान (Diagnosis of Gall Bladder Stones)
पित्ताशय की पथरी का निदान
(Diagnosis of Gall Bladder Stone):

मरीज़ अपने लक्षण देख कर और फ़िज़िकल टेस्ट करके अपने डॉक्टर से परामर्श करके अपने उपचार का निदान कर सकते हैं।
इसे स्पष्ट करने के लिए कुछ टेस्ट और निदान की आवश्यकता हो सकती है।
पित्ताशय में पथरी की उपस्थिति की पुष्टि के लिए अल्ट्रासाउंड, सीटी स्कैन, एक्स-रे या रेडियोन्यूक्लाइड स्कैन किया जाना चाहिए।
पित्त नली की स्थिति का आकलन करने के लिए एंडोस्कोपिक रेट्रोग्रेड कोलेंजनोपैंक्रियाटोग्राफी (ईआरसीपी) का उपयोग किया जा सकता है।
इसके अलावा रक्त परीक्षण से रक्त में बिलीरुबिन की मात्रा मापी जाती है।
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पित्ताशय की पथरी के रोगियों के लिए आहार (Diet tips for Gall Bladder Stone):
पित्त पथरी के उपचार में आहार महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यदि आपको पित्ताशय में पथरी है तो क्या खाना चाहिए यह जान ले।
पित्ताशय की पथरी हो तो क्या ख़ाना चाहिए:

फ़ायबर्स से भरपूर स्वस्थ आहार लें.
हरी सब्जियां, फल और विभिन्न फलों को अपने आहार में शामिल करे।
आहार में विटामिन सी, आयरन और लेसिथिन को शामिल करना चाहिए।
पूरे दिन में भरपूर मात्रा में पानी पियें।
पित्ताशय की पथरी में क्या नहीं खाना चाहिए -

ऑइली और फैट वाला खाना नहीं खाएं।
सैचुरेटेड फैट से भरपूर खाद्य पदार्थ जैसे घी, मक्खन, डालडा, चॉकलेट, केक, बिस्कुट, विभिन्न मिठाइयाँ, अंडे की बल्क, पशु उत्पाद ना खाए।
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पित्ताशय की पथरी के इलाज की आवश्यकता कब होती है? (When is it Required to Undergo Treatment?)
हर किसी को पथरी के इलाज की आवश्यता नहीं होती है। मूक पथरी को बारीक़ निरीक्षण में रखा जा सकता है। अन्य सभी रोगियों को जिन्हें पित्त की पथरी से संबंधित लक्षण (दर्द, बुखार, पीलिया, अग्नाशय में सूजन) अनुभव हुए हैं उन्हें चिकित्सीय सलाह लेनी चाहिए। पित्त की पथरी और पित्ताशय के कैंसर के इतिहास वाले व्यक्तियों और परिवारों को भी उपचार की आवश्यकता होती है
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पित्ताशय की पथरी का इलाज (Treatment of Gall Bladder Stones)
पित्ताशय की पथरी का इलाज दवाओं के ज़रिए मतलब गैर-सर्जिकल या सर्जिकल उपचार से किया जा सकता है।
यदि छोटे-छोटे कंकड़ हों तो दवाईया उपयोगी हो सकती हैं।
पित्ताशय की पथरी एक बार निकल जाने के बाद दोबारा बन सकती है। इसके लिए सर्जरी द्वारा संपूर्ण पित्ताशय को निकालने की सलाह दी जाती है।
यदि पित्ताशय में बार बार पथरी होती है, तो पित्ताशय को निकालने के लिए कोलेसिस्टेक्टोमी की जाती है।
इसके अलावा, यकृत(Liver) पित्त को छोटी आंत में छोड़ने की व्यवस्था करता है। यदि पित्ताशय को निकाल दें तो भी पित्त स्मॉल इंटेस्टाइन में आता है तो पाचन प्रक्रिया में कुछ फर्क नहीं होता है।
पथरी निकालने के बाद कौन-सी बातों का ध्यान देना चाहिए (After Removal Care)
सर्जरी के बाद 4 से 6 हफ्ते तक भारी आहार न लें।
इसके अलावा सर्जरी के कोई अन्य बड़े प्रतिबंध नहीं हैं। आप सर्जरी के अगले दिन ही अपना रोजमर्रा का काम शुरू कर सकते हैं।
लेकिन ज्यादा तनाव वाली गतिविधियां करने के लिए सर्जरी के बाद लगभग 1 माह तक इंतजार कर लें।
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पित्ताशय की पथरी के ऑपरेशन के बाद क्या खाएं और किन चीजों से बचें।

कम फॅट वाले आहार लें
हल्के और सॉफ्ट फूड खाएं
शुगर से करें परहेज
पर्याप्त पानी पिएं
इन चीजों के साथ ही अधिक प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थों को अपने आहार में शामिल करें। इससे पित्ताशय की पथरी के ऑपरेशन के बाद तेजी से उबरने में मदद मिलती है।
महिलाओं में पित्त पथरी की सामान्य समस्या क्यों होती है।
प्रोजेस्टेरोन हार्मोन पित्ताशय की थैली के संकुचन को कम करता है जबकि एस्ट्रोजन हॉर्मोन कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ाता है। महिलाओं में मासिक धर्म और गर्भावस्था ऐसे समय इन दोनों हार्मोन का स्तर अपने उच्चतम स्तर पर होता है। इसीलिए रजोनिवृत्ति के समय एस्ट्रोजेन के स्तर में कमी के कारण, कई महिलाएं अपने हार्मोनल स्तर को सही रखने के लिए हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी (HT) का सहारा लेती हैं। नतीजतन, महिलाओं में वजन बढ़ने और घटने की संभावना अधिक होती है। अतिरिक्त वजन महिलाओं के रक्त प्रवाह में कोलेस्ट्रॉल के स्तर में वृद्धि का कारण बन सकता है। मोटापा एस्ट्रोजेन हॉर्मोन के ऊंचे स्तर से जुड़ा हुआ है। उसी तरह तेजी से वजन घटने का प्रभाव वजन बढ़ने के समान ही होता है। जब आप एक साथ बहुत अधिक वजन कम करते हैं, तो आपका लीवर कोलेस्ट्रॉल की असामान्य रूप से अत्यधिक मात्रा को सम्भालता है, जिसे संसाधित कर आपके पित्त में भेज दिया जाता है। अत्यधिक कोलेस्ट्रॉल की वजह से महिलाओं में पित्त पथरी होने की संभावना अत्यधिक हो जाती हैं।
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08/06/2025

यूटेराइन फाइब्रॉइड्स क्या हैं? जानें कारण, लक्षण और सही इलाज!
फाइब्रॉइड्स महिलाओं में पाई जाने वाली एक सामान्य समस्या हैं, लेकिन कई बार इसे नज़रअंदाज़ कर दिया जाता है। यह समस्या गर्भाशय (Uterus) में गांठों के रूप में विकसित होती है और कई महिलाओं को इसके कारण असुविधा और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।
फाइब्रॉइड्स क्या हैं?
फाइब्रॉइड्स (Fibroids), जिन्हें यूटेराइन फाइब्रॉइड्स (Uterine Fibroids) या लियोमायोमा (Leiomyoma) भी कहा जाता है, ये गर्भाशय (Uterus) में विकसित होने वाली गैर-कैंसरजन्य (Non-Cancerous) गांठें होती हैं। ये फाइब्रोस (Fibrous) और मांसपेशियों के ऊतकों (tissues) से बनी होती हैं और आकार में छोटे से बड़े तक हो सकती हैं।
फाइब्रॉइड्स का आकार और संख्या हर महिला में अलग-अलग हो सकते है। कुछ महिलाओं में ये छोटे होते हैं और कोई लक्षण नहीं देते, जबकि कुछ मामलों में ये इतने बड़े हो जाते हैं कि गर्भाशय का आकार बढ़ सकता है और इससे अन्य स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।
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फाइब्रॉइड्स के कारण
फाइब्रॉइड्स बनने के पीछे सटीक कारण अभी पूरी तरह से स्पष्ट नहीं है, लेकिन ये कुछ मुख्य कारण हो सकते हैं –
(A) हार्मोनल असंतुलन (Hormonal Imbalance)
गर्भाशय में एस्ट्रोजन (Estrogen) और प्रोजेस्टेरोन (Progesterone) हार्मोन का संतुलन बिगड़ने से फाइब्रॉइड्स बनने की संभावना बढ़ सकती है। ये दोनों हार्मोन गर्भाशय की परत को नियंत्रित करते हैं और जब इनका स्तर ज्यादा बढ़ जाता है, तो फाइब्रॉइड्स तेजी से विकसित हो सकते हैं।
(B) अनुवांशिक कारण (Genetic Factors)
अगर परिवार में किसी महिला को फाइब्रॉइड्स की समस्या रही है, तो अगली पीढ़ी में इसकी संभावना बढ़ सकती है।
(C) मोटापा (Obesity)
अत्यधिक वजन या मोटापा शरीर में हार्मोनल असंतुलन पैदा कर सकता है, जिससे फाइब्रॉइड्स होने की संभावना बढ़ जाती है।
(D) जीवनशैली और खान-पान (Lifestyle & Diet)
अत्यधिक जंक फूड, ज्यादा फैट और रेड मीट खाने से हार्मोनल असंतुलन हो सकता है।
ज्यादा शराब और कैफीन (Caffeine) का सेवन भी हार्मोनल गड़बड़ी का कारण बन सकता है।
फल और सब्जियों की कमी से भी फाइब्रॉइड्स का खतरा बढ़ सकता है।
(E) गर्भधारण का इतिहास (Pregnancy History)
जिन महिलाओं की कोई संतान नहीं हुई है या जिनका पहला गर्भधारण देर से हुआ है, उनमें भी फाइब्रॉइड्स का खतरा बढ़ सकता है।
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फाइब्रॉइड्स के लक्षण (Symptoms of Fibroids)
फाइब्रॉइड्स के लक्षण महिलाओं में अलग-अलग हो सकते हैं। कुछ महिलाओं को कोई लक्षण महसूस नहीं होते, जबकि कुछ को गंभीर परेशानियां झेलनी पड़ती हैं। यह इस बात पर निर्भर करता है कि फाइब्रॉइड्स का आकार कितना बड़ा है, उनकी संख्या कितनी है और वे कहां स्थित हैं।
1. अनियमित और ज्यादा ब्लीडिंग (Heavy or Irregular Bleeding)
फाइब्रॉइड्स का सबसे सामान्य लक्षण मासिक धर्म (पीरियड्स) में असामान्य बदलाव है। कई महिलाओं को बहुत ज्यादा ब्लीडिंग (Menorrhagia) होती है, जिससे कमजोरी और एनीमिया (Anemia) जैसी समस्याएं हो सकती हैं। सामान्य 4-5 दिनों की बजाय पीरियड्स 7-10 दिनों तक चल सकते हैं और ब्लड क्लॉट्स (Blood Clots) बनने लगते हैं। कई बार पीरियड्स के बीच में भी ब्लीडिंग (Spotting) हो सकती है, जिससे महिलाएं मानसिक और शारीरिक रूप से असहज महसूस करती हैं।
2. पेट और पेल्विक एरिया में दर्द (Pain & Discomfort in Pelvic Region)
फाइब्रॉइड्स की वजह से पेट के निचले हिस्से में हल्का से लेकर तेज दर्द हो सकता है। यह दर्द लगातार बना रह सकता है या पीरियड्स के दौरान अधिक हो सकता है। कुछ महिलाओं को पेट में भारीपन या दबाव महसूस होता है, खासकर अगर फाइब्रॉइड्स का आकार बड़ा हो। लंबे समय तक खड़े रहने या ज्यादा चलने-फिरने से यह दर्द और बढ़ सकता है।
3. यूरिनरी और डाइजेस्टिव समस्याएं (Urinary & Digestive Issues)
अगर फाइब्रॉइड्स का आकार बड़ा है और यह मूत्राशय (Bladder) के पास स्थित है, तो पेशाब बार-बार आने की समस्या हो सकती है। मूत्राशय पर दबाव पड़ने की वजह से पेशाब करने के बाद भी ऐसा महसूस हो सकता है कि अभी पूरी तरह से पेशाब नहीं हुआ है। कुछ महिलाओं को कब्ज (Constipation) की शिकायत होती है, खासकर जब फाइब्रॉइड्स आंतों (Intestine) पर दबाव डालते हैं। ब्लोटिंग (Bloating) और गैस की समस्या भी हो सकती है, जिससे पेट फूला हुआ लगता है।
4. फर्टिलिटी संबंधी समस्याएं (Fertility Issues & Pregnancy Complications)
कुछ मामलों में, फाइब्रॉइड्स गर्भधारण (Conception) में बाधा डाल सकते हैं। जब फाइब्रॉइड्स गर्भाशय की अंदरूनी परत (Endometrium) को प्रभावित करते हैं, तो निषेचन (Fertilization) में मुश्किलें आ सकती हैं। इसके अलावा, अगर कोई महिला गर्भवती हो जाती है, तो बड़े फाइब्रॉइड्स प्रेग्नेंसी के दौरान समस्याएं पैदा कर सकते हैं, जैसे कि बार-बार मिसकैरेज होना, समय से पहले डिलीवरी (Preterm Labor) या डिलीवरी के दौरान जटिलताएं।
5. अन्य लक्षण (Other Symptoms)
फाइब्रॉइड्स की वजह से कमर और पैरों में भी दर्द हो सकता है, खासकर जब यह नसों पर दबाव डालते हैं। कुछ महिलाओं को पेट में गांठ महसूस होती है, खासकर अगर फाइब्रॉइड्स बड़े हो जाते हैं। कई बार इससे थकान और कमजोरी भी महसूस हो सकती है, खासकर जब अत्यधिक ब्लीडिंग के कारण शरीर में खून की कमी हो जाती है।
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फाइब्रॉइड्स के प्रकार
फाइब्रॉइड्स को उनके स्थान के आधार पर चार मुख्य प्रकारों में बांटा जाता है –
(A) इंट्राम्यूरल फाइब्रॉइड्स (Intramural Fibroids)
ये गर्भाशय की मांसपेशियों के अंदर विकसित होते हैं और सबसे आम प्रकार के फाइब्रॉइड्स हैं। इनकी वजह से पेट में भारीपन और अनियमित पीरियड्स हो सकते हैं।
(B) सबम्युकॉसल फाइब्रॉइड्स (Submucosal Fibroids)
ये गर्भाशय की अंदरूनी परत (Endometrium) के नीचे विकसित होते हैं। ये पीरियड्स में अधिक ब्लीडिंग और फर्टिलिटी संबंधी समस्याओं का कारण बन सकते हैं।
(C) सबसेरॉसल फाइब्रॉइड्स (Subserosal Fibroids)
ये गर्भाशय की बाहरी परत पर बढ़ते हैं और पेट में गांठ या भारीपन महसूस हो सकता है।
(D) पेडुंकुलेटेड फाइब्रॉइड्स (Pedunculated Fibroids)
ये गर्भाशय से जुड़ी पतली स्टेम (Stem) के जरिए बाहर की तरफ बढ़ते हैं। इनके कारण तेज दर्द और ब्लोटिंग की समस्या हो सकती है।
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फाइब्रॉइड्स का इलाज (Treatment Options for Fibroids)
फाइब्रॉइड्स के इलाज के लिए कई तरह के विकल्प उपलब्ध हैं। सही इलाज इस बात पर निर्भर करता है कि फाइब्रॉइड्स कितने बड़े हैं, कितने लक्षण हो रहे हैं और महिला की भविष्य में गर्भधारण की योजना क्या है।

1. दवाइयों से इलाज (Medication for Fibroids)
अगर फाइब्रॉइड्स छोटे हैं और ज्यादा समस्या नहीं पैदा कर रहे हैं, तो डॉक्टर दवाइयों के जरिए उनका इलाज कर सकते हैं। कुछ हार्मोनल दवाइयां, जैसे कि गोनाडोट्रोपिन-रिलीजिंग हार्मोन (GnRH) एगोनिस्ट्स, एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन के स्तर को कम करके फाइब्रॉइड्स को सिकोड़ने में मदद करती हैं। इसके अलावा, आयरन सप्लीमेंट्स (Iron Supplements) दिए जाते हैं ताकि अत्यधिक ब्लीडिंग के कारण होने वाली एनीमिया को रोका जा सके।
2. मिनिमली इनवेसिव ट्रीटमेंट (Minimally Invasive Procedures)
अगर दवाइयों से राहत नहीं मिलती या फाइब्रॉइड्स बड़े हो जाते हैं, तो कुछ मिनिमली इनवेसिव प्रोसीजर्स किए जा सकते हैं:
यूटराइन आर्टरी एम्बोलाइज़ेशन (Uterine Artery Embolization – UAE): इसमें गर्भाशय को ब्लड सप्लाई करने वाली धमनियों को ब्लॉक कर दिया जाता है, जिससे फाइब्रॉइड्स सिकुड़ जाते हैं।
एमआरआई गाइडेड फोकस्ड अल्ट्रासाउंड (MRI-Guided Focused Ultrasound): इसमें हाई-इंटेंसिटी अल्ट्रासाउंड वेव्स की मदद से फाइब्रॉइड्स को नष्ट किया जाता है।
3. सर्जरी (Surgical Treatment)
अगर फाइब्रॉइड्स बहुत बड़े हो जाते हैं या महिला को बहुत ज्यादा तकलीफ हो रही है, तो सर्जरी का विकल्प अपनाया जाता है।
मायोमेक्टॉमी (Myomectomy): इस प्रक्रिया में सिर्फ फाइब्रॉइड्स को निकाला जाता है, जिससे महिला का गर्भाशय सुरक्षित रहता है और भविष्य में गर्भधारण संभव होता है।
हिस्टेरेक्टॉमी (Hysterectomy): जब अन्य सभी विकल्प फेल हो जाते हैं और महिला को अत्यधिक तकलीफ होती है, तो गर्भाशय को पूरी तरह से निकाल दिया जाता है। यह एक स्थायी समाधान होता है, लेकिन इसके बाद महिला मां नहीं बन सकती।
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निवारण (Prevention Tips for Fibroids)
फाइब्रॉइड्स को पूरी तरह से रोकने का कोई निश्चित तरीका नहीं है, लेकिन हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाकर इसकी संभावना को कम किया जा सकता है।

1. हेल्दी डाइट अपनाएं (Follow a Healthy Diet)
फाइब्रॉइड्स को रोकने के लिए सही खान-पान बहुत जरूरी है। रोजाना हरी सब्जियां, फल, साबुत अनाज और फाइबर युक्त आहार लें। रेड मीट और ज्यादा फैट वाले फूड्स से बचें, क्योंकि ये हार्मोनल असंतुलन पैदा कर सकते हैं। ग्रीन टी और विटामिन-डी से भरपूर चीजों का सेवन करें, क्योंकि ये फाइब्रॉइड्स के विकास को रोकने में मदद कर सकते हैं।
2. वजन को नियंत्रित रखें (Maintain a Healthy Weight)
अत्यधिक वजन और मोटापा हार्मोनल असंतुलन को बढ़ा सकते हैं, जिससे फाइब्रॉइड्स बनने की संभावना बढ़ जाती है। नियमित एक्सरसाइज करें, जैसे कि योग, वॉकिंग, साइक्लिंग या स्विमिंग। इससे हार्मोनल बैलेंस ठीक रहता है और फाइब्रॉइड्स का खतरा कम होता है।
3. तनाव कम करें और अच्छी नींद लें (Manage Stress & Sleep Well)
अत्यधिक तनाव से शरीर में कॉर्टिसोल (Cortisol) हार्मोन का स्तर बढ़ जाता है, जो हार्मोनल असंतुलन को बढ़ावा देता है। मेडिटेशन, डीप ब्रीदिंग और म्यूजिक थेरेपी जैसी रिलैक्सेशन टेक्निक्स अपनाएं। अच्छी नींद लें, क्योंकि यह शरीर के हार्मोनल संतुलन को बनाए रखने में मदद करती है।
4. शराब और कैफीन का सेवन सीमित करें (Limit Alcohol & Caffeine Intake)
अत्यधिक शराब और कैफीन का सेवन हार्मोनल बदलाव को बढ़ा सकता है, जिससे फाइब्रॉइड्स का खतरा बढ़ता है। इसलिए इनका सेवन कम करें और हेल्दी ड्रिंक्स जैसे कि हर्बल टी और ताजे फलों के जूस का सेवन करें।
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07/06/2025

आप सभी को मिसाल, त्याग, समर्पण, बलिदान और इंसानियत का त्यौहार "ईद-उल-अजहा" बकरीद की स्वराज हॉस्पिटल / स्वराज मेडिकल इंस्टीट्यूट की ओर से आपको और आपके परिवार को ईद-उल-अधा की हार्दिक शुभकामनाएं। इस पवित्र त्योहार पर आपके जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आए। आपका स्वास्थ्य और सुरक्षा हमारे लिए सर्वोपरि है। ईद के इस मौके पर हम आपके अच्छे स्वास्थ्य और खुशियों की कामना करते हैं। 🌟💫
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01/06/2025

विश्व के सबसे बड़े दुग्ध उत्पादक देश भारत के समस्त दुग्ध उत्पादको विश्व दुग्ध दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं...

विश्व दुग्ध दिवस के अवसर पर सभी दुग्ध उत्पादकों को हृदय से नमन करता हूं। आइए, इस अवसर पर हम शुद्ध एवं पौष्टिक दुग्ध उत्पादों को अपनाने और दुग्ध उत्पादन से जुड़े किसानों के सशक्तिकरण का संकल्प लें!!

27/05/2025

बोधिसत्व, विश्वरत्न, करोड़ों भारतीयों के उद्धारक बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर का पग पग पर साथ देने वाली, उनकी धर्मपत्नी, त्यागमूर्ति, परमपूज्य माता रमाबाई अंबेडकर जी के परिनिर्वाण दिवस पर उनको अपार श्रद्धा सुमन अर्पित तथा विनम्र श्रद्धांजलि।
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15/05/2025

माँ भारती को ग़ुलामी की बेड़ियों से मुक्त कराने हेतु अपना सर्वस्व न्योछावर करने वाले अमर सपूत, महान बलिदानी सुखदेव जी की जयंती पर कोटिशः नमन।
आपके क्रांतिकारी विचार चिरकाल तक आने वाली पीढ़ियों को राष्ट्रसेवा के लिए प्रेरित करते रहेंगे।

12/05/2025

विश्व की पहली नर्स मिस फ्लोरेंस नाइटिंगेल जी की जयंती के उपलक्ष्य में मनाए जाने वाले अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस पर देश की समस्त नर्सों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं।
नर्स हमारे हेल्थ केयर सिस्टम की रीड की हड्डी है सेवा व सहानुभूति से परिपूर्ण नर्स का जीवन पूरे समाज के लिए आदर्श है।

08/05/2025

आखरी मौका ::: अंतिम तिथि:- 30 मई 2025
क्या आप मेडिकल शिक्षा के क्षेत्र में पैरामेडिकल के उत्तर प्रदेश स्टेट मेडिकल फैकल्टी से संबंद्ध डिप्लोमा इन ऑप्टोमेट्री (नेत्र परीक्षण अधिकारी) / डिप्लोमा इन फिजियोथेरेपी / डिप्लोमा इन ओ .टी. टेच्नीशियन डिप्लोमा इन मेडिकल लैब टेक्नीशियन एवं CMS &ED कोर्स करने के पश्चात अपना भविष्य बनाना चाहते हैं तो यह रोजगार के साथ-साथ स्वरोजगार पाने के लिए सुनहरा अवसर है GEN/OBC छात्रों के लिए निम्न शुल्क में एवं SC/ ST छात्रों के लिए निशुल्क प्रवेश देने वाले एकमात्र संस्थान स्वराज मेडिकल इंस्टिट्यूट में अधिक जानकारी के लिए आप जल्द से जल्द संपर्क कर सकते हैं l
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स्वराज मेडिकल इंस्टीट्यूट
66A, स्वराज टावर, द्विवेदी नगर, गल्ला मंडी, नौबस्ता, कानपुर नगर
Mob: 7272824245,9616189500



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07/05/2025

Jai Hind 🇮🇳
भारतीय सेना जिंदाबाद।

माँ भारती का आशीर्वाद, दुश्मनों का सर्वनाश!
आतंक के खिलाफ भारत का दमदार जवाब।
जय हिंद, जय भारत, जय हिंद की सेना
🙏🇮🇳🙏

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Kanpur
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