Pt. Maan Prasad Tripathi Education Centre

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Photos from Pt. Maan Prasad Tripathi Education Centre's post 26/11/2022

Drawing competition LKG class

Photos from Pt. Maan Prasad Tripathi Education Centre's post 21/11/2022

मेरे विद्यार्थी मेरे सपने हैं,
तभी तो लगते मुझे सब अपने हैं।
मेरे विद्यार्थी मेरे लिए चाँद सितारे हैं,
तभी तो लगते मुझे बेहद प्यारे हैं।
मेरे विद्यार्थी मेरी आन-मान-शान हैं,
क्योंकि इन्हीं से ही तो मेरी पहचान है।
मेरे विद्यार्थी मेरी जान हैं,
क्योंकि हम सब करते एक दूसरे का सम्मान हैं।।

संजय सर
उत्तराखंड

21/11/2022

वंदे मातरम् भारत का राष्ट्रीय गीत है जिसकी रचना बंकिम चन्द्र चट्टोपाध्याय द्वारा की गई थी। इन्होंने 7 नवम्बर, 1876 ई. में बंगाल के कांतल पाडा नामक गाँव में इस गीत की रचना की थी। वंदे मातरम् गीत के प्रथम दो पद संस्कृत में तथा शेष पद बांग्ला भाषा में थे। राष्ट्रकवि रवींद्रनाथ टैगोर ने इस गीत को स्वरबद्ध किया और पहली बार 1896 में कांग्रेस के कलकत्ता अधिवेशन में यह गीत गाया गया। अरबिंदो घोष ने इस गीत का अंग्रेज़ी में और आरिफ़ मोहम्मद ख़ान ने इसका उर्दू में अनुवाद किया।

Jitendra Kumar Tripathi

17/11/2022

स्वामी विवेकानंद, एक दिन एक विद्यालय के कुछ छात्रों से बातचीत कर रहे थे और उन से प्रश्न भी पूछ रहे थे और उनके प्रश्नों के उत्तर भी दे रहे थे.

बातचीत के दौरान स्वामी जी ने उन बच्चों से पूछा, “क्या तुम लोग जानते हो कि शिक्षा क्या होती है? तुममे से कोई मुझे समझा सकता है क्या?”

एक छात्र ने आगे बढ़ कर कहा, “स्वामीजी, विद्या ग्रहण करने को ही शिक्षा कहा जाता है.”

स्वामी जी ने फिर पूछा, “अच्छा अब बताओ कि शिक्षा का उद्देश्य क्या होता है?”

सभी विद्दार्थियों ने अपने अपने विचार रखने शुरू कर दिए. स्वामी जी ने हर एक छात्र के विचार को बड़े ध्यान से सुना और फिर कहा, “जिस चीज़ से मनुष्य की शक्तियों का विकास होता है, वही शिक्षा होती है.

शब्दों को कंठ कर लेना ही शिक्षा नहीं होता है. शिक्षा से मनुष्य की मानसिक शक्तियों का इस तरह विकास होता है कि वो स्वंय सवतंत्रता से कुछ कर सकता है.”

तभी एक विद्यार्थी बोला, “स्वामी जी, शिक्षा से हम नई-नई बातें भी तो सीखते हैं.”

यह सुन कर स्वामी जी बोले, “तुम्हारी बात ठीक है बालक, लेकिन नई जानकारी का अर्थ यह नहीं कि उस में अधकचरी ऐसी बातें हों, जिन्हें तुम पचा ही ना पाओ.

शिक्षा जीवन निर्माण करती है. चरित्र सुगठित करती है, विचारों में सामंजस्य पैदा करती है और दुर्भावनाओं पर नियंत्रण करना भी सिखाती है.

शिक्षा तभी सार्थक होती है जब विपरीत परिस्थिति में भी शिक्षा का सही प्रयोग करके विजय प्राप्त की जाए. व्यक्ति शिक्षा का सदुपयोग कर ना केवल अपना और अपने परिवार का बल्कि पूरे देश का भला करता है.

स्वामी जी की बातें सुन कर वहां उपस्थित विद्यार्थी एक स्वर में बोले, “स्वामी जी, आज से हम भी शिक्षा ग्रहण कर हर अशिक्षित व्यक्ति को शिक्षित करने का प्रयास करेंगे.

जो गलत और रूढ़िवादी बातें लोगों में भ्रम बनकर फैली हैं, उन्हें दूर करेंगे.”

विद्यर्थियों की बाते सुनकर स्वामी जी बोले, “अगर तुम सब आज से ही ऐसा करना प्रारंभ कर दोगे तो वह दिन दूर नहीं जब भारत में तकनिकी ज्ञान भी प्रचुर मात्रा में उपलब्ध होगा और तकनिकी स्तर पर भी भारत विश्व के सामने नई नजीर पेश करेगा.”



Jitendra Kumar Tripathi

15/11/2022

हम सभी के लिए शिक्षा ही सफलता की कुंजी है, जो हमारे जीवन में कई नए अवसर लेकर आती है। शिक्षित होकर ही हम अपने जीवन में सबकुछ हासिल कर सकते हैं। शिक्षा के एक नहीं बल्कि कई फायदे हैं, जैसे- शिक्षा व्यक्ति की सोच और दिमाग को ऊपर उठा सकती है, शिक्षा ग्रहण करने से लोगों के सोचने का नज़रिया बदलता है, लोगों में चीज़ों को समझने की शक्ति विकसित होती है, लोगों के बात करने का तरीका बदलता है, लोगों में नई चीज़ों को जानने की उत्सुकता बढ़ती है, हमें दूसरों के साथ कैसा व्यवहार करना है इसमें मदद मिलती है। ये शिक्षा के वो गुण और फायदे हैं जो हमारी सफलता में हमारा पूरा साथ देत हैं। इसके अलावा शिक्षा प्राप्त करने से अच्छा करियर बन सकता, समाज में एक अच्छा दर्जा मिल सकता है और खुद के अंदर आत्मविश्वास बढ़ता है। हम अपने जीवन में जितनी शिक्षा प्राप्त करते जाएंगे, उतने ही अच्छे अवसर हमें मिलते जाएंगे। शिक्षा से हमारे दिमाग का विकास होता है, हमारे विचार पुष्ट होते हैं और दूसरों के प्रति हमारा चरित्र और व्यवहार भी मजबूत होता है।

15/11/2022

14/11/2022

मैडम आज ना डांटना हमको,
आज हम खेलेंगे गाएँगे,
साल भर हमने किया इंतजार
आज हम बाल दिवस मनाएंगे।

बाल दिवस की शुभकामनाएं।

14/11/2022

रोने की वजह ना थी
ना हंसने का बहाना था
क्यों हो गए हम इतने बड़े
इससे अच्छा तो वो बचपन का जमाना था!
बाल दिवस की शुभकामनाएं!

08/11/2022
08/11/2022

“ज्ञान में किए गए निवेश से सबसे उत्तम लाभ प्राप्त होता है।”

---- बेंजामिन फ्रैंकलीन

07/11/2022

आप तभी तक सीख सकते है जब तक आप खुद को एक छात्र मान पाते है क्योंकि कुछ सीखने के लिए झुकना पड़ता है

– हेनरी एल डोहर्टी

07/11/2022

इस बात से फर्क नहीं पड़ता तुम कितनी ग़लती करते हो या कितनी धीरे बढ़ रहे हो, उन लोगों से बहुत आगे हो जो कोशिश ही नहीं करते

--- टोनी रॉबिंस

07/11/2022

“आज पढ़ने वाला कल का लीडर होगा।”

मार्गरेट फुलर (Margaret Fuller)

05/11/2022

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