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शादीशुदा महिला अपने पति को तलाक दिए बिना लिव-इन रिलेशनशिप में नहीं रह सकती: इलाहाबाद हाईकोर्ट

विवाहित व्यक्तियों के बीच लिव-इन रिलेशनशिप
आपराधिक नहीं हैं, अदालतें अपनी नैतिकता की धारणा नहीं थोप सकतीं: दिल्ली उच्च न्यायालय

विवाह अवैध होने पर भी धारा 125 CrPC के तहत पत्नी भरण-पोषण की हकदार है।Madras High Court

पहली पत्नी दाखिल कर सकती है आवेदन u/S. 11
हिंदू विवाह अधिनियम के पति की दूसरी शादी को शून्य घोषित करने के लिए।

भारतीय दंड संहिता की धारा 498-ए (क्रूरता) के तहत दूसरी पत्नी द्वारा पति और उसके ससुराल वालों के खिलाफ दायर की गई शिकायत सुनवाई योग्य नहीं है।

विवाहित महिला यह दावा नहीं कर सकती कि किसी पुरुष ने शादी का वादा तोड़कर उसे धोखा दिया है।


तलाक लेने के लिए बच्चे को हथियार की तरह इस्तेमाल नहीं कर सकते: राजस्थान हाई कोर्ट

पत्नी को ससुराल में रहने के लिए फ़ोर्स नहीं किया जा सकता: हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट

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