दास कबीरा

दास कबीरा

तू कहता कागद की लेखी
मैं कहता आँखन की द?

27/03/2022

कबीरा कलयुग कठिन है,
साधु न मिलिया कोय,
चोर, उचक्के, मसखरे,
उनको आदर होय!

Want your school to be the top-listed School/college?

Website