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15/08/2022 Murli Revision #आजकीमुरली #मुरलीसेमुख्यबातें #Murlirevision /मुरली का सार/ Hindi Murli 15/08/2022

*🇲🇰आज की मुरली से सम्पूर्ण सार/Murli Revision👇⏰ 10मिनट me🤗*
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15/08/2022 Murli Revision #आजकीमुरली #मुरलीसेमुख्यबातें #Murlirevision /मुरली का सार/ Hindi Murli Om shanti 🇲🇰Dear viewers; WELCOME TO our YouTube Channel "EASY RAJYOGA(TRUE ESSANCE OF LIFE"https://youtube.com/channel/UCqkI3fyxuM8pLKXDWH69v-A In spiritu...

11/08/2022 Murli Revision #आजकीमुरली #मुरलीसेमुख्यबातें #Murlirevision /मुरली का सार/ Hindi Murli 11/08/2022

*🇲🇰आज की मुरली से मुख्य बातें/Murli Revision 🤗⏰8 मिनट में👇*
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9/08/2022 Murli Revision #आजकीमुरली #मुरलीसेमुख्यबातें #Murlirevision /मुरली का सार/ Hindi Murli 08/08/2022

*⏰8 मिनट में आज की मुरली से मुख्य बातें/Murli Revision 🤗* Share with godly students 🇲🇰 👇
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08/08/2022

*08.08.2022 मुरली से प्रश्नोत्तर*
*प्रात:मुरली ओम् शान्ति*
*मधुबन*

*प्रश्र:-मीठे बच्चे - बाप आये हैं तुम्हारा ज्ञान-योग से सच्चा श्रृंगार करने, इस श्रृंगार को बिगाड़ने वाला कौन है?*
उत्तर:-देह-अभिमान, इसलिए देह से ममत्व निकाल देना है।

*प्रश्नः-ज्ञान मार्ग की ऊंची सीढ़ी कौन चढ़ सकता है?*
उत्तर:-जिनका अपनी देह में और किसी भी देहधारी में ममत्व नहीं है।

💞 एक बाप से दिल की सच्ची प्रीत है।

⏫ किसी के भी नाम रूप में नहीं फँसते हैं, वही ज्ञान मार्ग की ऊंची सीढ़ी चढ़ सकते हैं।

💞 एक बाप से दिल की मुहब्बत रखने वाले बच्चों की सब आशायें पूरी हो जाती हैं।

👉 नाम-रूप में फँसने की बीमारी बहुत कड़ी है,

➡️ इसलिए बापदादा वारनिंग देते हैं - बच्चे तुम एक दो के नाम-रूप में फँस अपना पद भ्रष्ट मत करो।

*गीत:-तुम्हें पाके हमने...*

*ओम् शान्ति।*

*प्रश्र:-मीठे-मीठे बच्चे तो इस गीत के अर्थ को अच्छी तरह से जान गये होंगे। फिर भी बाबा एक-एक लाइन का अर्थ बताते हैं। इन द्वारा भी बच्चों का मुख खुल सकता है। बड़ा सहज अर्थ है। अब तुम बच्चे ही बाप को जानते हो। तुम कौन?*
उत्तर:-ब्राह्मण ब्राह्मणियां। शिव वंशी तो सारी दुनिया है। अब नई रचना रच रहे हैं। तुम सम्मुख हो।
✅ तुम जानते हो बेहद के बाप से ब्रह्मा द्वारा हम ब्राह्मण ब्राह्मणियां सारे विश्व की बादशाही ले रहे हैं।
✅ आसमान तो क्या सारी धरती उनके बीच सागर नदियाँ भी आ गये। बाबा हम आपसे सारे विश्व की बादशाही ले रहे हैं। पुरूषार्थ कर रहे हैं। हम कल्प-कल्प बाबा से वर्सा लेते हैं।
👉 जब हम राज्य करते हैं तो सारे विश्व पर हम भारतवासियों का ही राज्य होता है और कोई भी नहीं होते। चन्द्रवंशी भी नहीं होते। सिर्फ सूर्यवंशी लक्ष्मी-नारायण का ही राज्य है। बाकी तो सब बाद में आते हैं।
✅ यह भी अभी तुम जानते हो। वहाँ तो यह कुछ भी पता नहीं रहता है।
👉 यह भी नहीं जानते कि हमने यह वर्सा किससे पाया? अगर किससे पाया तो फिर कैसे पाया, यह प्रश्न उठता है। सिर्फ यही समय है जबकि सारी सृष्टि चक्र की नॉलेज है, फिर यह गुम हो जायेगी।

*प्रश्र:-अभी तुम जानते हो कि बेहद का बाप आया हुआ है, जिनको ......... का ........ कहा जाता है?*
उत्तर:-गीता का भगवान। भक्ति मार्ग में पहले सर्व शास्त्रमई शिरोमणी गीता ही सुनते हैं। गीता के साथ भागवत महाभारत भी है।
📿 यह भक्ति भी बहुत समय के बाद शुरू होती है। आहिस्ते-आहिस्ते मन्दिर बनेंगे, शास्त्र बनेंगे। 3-4 सौ वर्ष लग जाते हैं।
🇲🇰 अभी तुम बाप से सम्मुख सुनते हो। जानते हो परमपिता परमात्मा शिवबाबा ब्रह्मा तन में आये हैं। हम फिर से आकर उनके बच्चे ब्राह्मण बने हैं।
▶️ सतयुग में यह नहीं जानते कि हम फिर चन्द्रवंशी बनेंगे। अभी बाप तुमको सारे सृष्टि का चक्र समझा रहे हैं।
🇲🇰 बाप सृष्टि के आदि-मध्य-अन्त को जानते हैं। उनको कहा ही जाता है- जानी-जाननहार, नॉलेजफुल।
❓ किसकी नॉलेज है? यह कोई भी नहीं जानते। सिर्फ नाम रख दिया है कि गॉड फादर इज़ नॉलेजफुल।
💕 वह समझते हैं कि गॉड सभी के दिलों को जानने वाला है। अभी तुम जानते हो हम श्रीमत पर चलते हैं। बाप कहते हैं मामेकम् याद करो, जिसको तुम आधाकल्प से याद करते आये हो।

*प्रश्र:-अब तुमको ज्ञान मिलता है तो?*
उत्तर:-तो भक्ति छूट जाती है। दिन है सतयुग, रात है कलियुग। पांव नर्क तरफ, मुँह स्वर्ग तरफ है। पियरघर से होकर ससुरघर आयेंगे।
🇲🇰 यहाँ पिया शिवबाबा आते हैं श्रृंगार कराने क्योंकि श्रृंगार बिगड़ा हुआ है। पतित बनते तो श्रृंगार बिगड़ जाता है। अभी पतित पापी नींच बन पड़े हैं।
🇲🇰 अब बाप द्वारा तुम मनुष्य से देवता बन रहे हो। बेगुणी से गुणवान बन रहे हो।
✅ जानते हो बाप को याद करने और समझने से हम कोई भी पाप नहीं करेंगे। कोई तमोप्रधान चीज़ नहीं खायेंगे।
▶️ मनुष्य तीर्थों पर जाते हैं तो कोई बैगन छोड़ आते हैं, कोई मास छोड़ आते हैं।
👹 यहाँ है 5 विकारों का दान क्योंकि देह-अभिमान सबसे बड़ा खराब है। घड़ी-घड़ी देह में ममत्व पड़ जाता है।

*प्रश्र:-बाप कहते हैं - बच्चे इस देह से ममत्व छोड़ो। देह का ममत्व नहीं छूटने से फिर क्या होता है?*
उत्तर:-और और देहधारियों से ममत्व लग जाता है। बाप कहते हैं बच्चे एक से प्रीत रखो, औरों के नाम रूप में मत फँसो।
🇲🇰 बाबा ने गीत का अर्थ भी समझाया है। बेहद के बाप से फिर से बेहद के स्वर्ग की बादशाही ले रहे हैं। इस बादशाही को कोई हमसे छीन नहीं सकता। वहाँ दूसरा कोई है ही नहीं। छीनेंगे कैसे?
✅ अभी तुम बच्चों को श्रीमत पर चलना है। न चलने से याद रखना कि ऊंच पद कभी पा नहीं सकेंगे।
🎅 श्रीमत भी जरूर साकार द्वारा ही लेनी पड़े। प्रेरणा से तो मिल नहीं सकती।
▶️ कइयों को तो घमण्ड आ जाता है कि हम तो शिवबाबा की प्रेरणा से लेते हैं। अगर प्रेरणा की बात हो तो भक्ति मार्ग में भी क्यों नही प्रेरणा देते थे कि मनमनाभव।
▶️ यहाँ तो साकार में आकर समझाना पड़ता है। साकार बिगर मत भी कैसे दे सकते।

*प्रश्र:-बहुत बच्चे बाप से रूठकर कहते हैं हम तो शिवबाबा के हैं। तुम क्या जानते हो?*
उत्तर:-शिवबाबा ब्रह्मा द्वारा हमको ब्राह्मण बनाते हैं। पहले बच्चे बनते हैं ना, फिर समझ मिलती है कि हमको दादे का वर्सा मिल रहा है इन द्वारा। दादा (शिवबाबा) ही ब्रह्मा द्वारा हमको अपना बनाते हैं। शिक्षा देते हैं।
💕 (गीत) बाबा से मुहब्बत रखने से हमारी सब आशायें पूरी होती हैं। मुहब्बत बड़ी अच्छी चाहिए।
💥 तुम सब आत्मायें आशिक बनी हो बाप की। छोटेपन में भी बच्चे बाप के आशिक बनते हैं। बाबा को याद करेंगे तो वर्सा मिलेगा।
▶️ बच्चा बड़ा होता जायेगा, समझ में आता जायेगा। तुम भी बेहद के बाप के बच्चे आत्मायें हो। बाप से वर्सा ले रहे हो।
💥 अपने को आत्मा समझ परमपिता परमात्मा को याद करना पड़े।

*प्रश्र:-बाप के आशिक बनेंगे तो?*
उत्तर:-तुम्हारी सब आशायें पूरी हो जायेंगी। आशिक माशूक को याद करते हैं - कोई दिल में आश रखकर।
💥 बच्चा बाप पर आशिक बनता है वर्से के लिए। बाप और प्रापर्टी याद रहती है। अभी वह है हद की बात।
💥 यहाँ तो आत्मा को आशिक बनना है - पारलौकिक माशूक का, जो सभी का माशूक है।
✅ तुम जानते हो कि बाबा से हम विश्व की बादशाही लेते हैं, उसमें सब कुछ आ जाता है। पार्टीशन की कोई बात नहीं।
▶️ सतयुग, त्रेता में कोई उपद्रव नहीं होते। दु:ख का नाम ही नहीं रहता।
😥 यह तो है ही दु:खधाम इसलिए मनुष्य पुरूषार्थ करते हैं - हम राजा रानी बनें। प्रेजीडेंट, प्राइम मिनिस्टर बनें। नम्बरवार दर्जे तो हैं ना।

*प्रश्र:-हर एक पुरूषार्थ करते हैं ऊंच पद पाने के लिए। स्वर्ग में भी ऊंच पद पाने के लिए क्या करना है?*
उत्तर:-मम्मा बाबा को फालो करना चाहिए। क्यों न हम वारिस बनें।
🌎 भारत को ही मदर-फादर कन्ट्री कहा जाता है। उनको कहते हैं भारत माता। तो जरूर पिता भी चाहिए ना।
▶️ तो दोनों चाहिए। आजकल वन्दे मातरम् भारत माता को कहते हैं क्योंकि भारत अविनाशी खण्ड है।
🇲🇰 यहाँ ही परमपिता परमात्मा आते हैं। तो भारत महान तीर्थ हुआ ना। तो सारे भारत की वन्दना करनी चाहिए। परन्तु यह ज्ञान कोई में है नहीं।
▶️ वन्दना की जाती है पवित्र की। बाप कहते हैं वन्दे मातरम्। शिव शक्तियां तुम हो, जिन्होंने भारत को स्वर्ग बनाया है।
👌 हर एक को अपनी जन्म भूमि अच्छी लगती है ना। तो सबसे ऊंची भूमि यह भारत है, जहाँ बाप आकर सबको पावन बनाते हैं।
🇲🇰 पतितों को पावन बनाने वाला एक बाप ही है। बाकी धरनी आदि कुछ नहीं करती है। सबको पावन बनाने वाला एक बाप ही है जो यहाँ आते हैं।
👌 भारत की महिमा बहुत भारी है। भारत अविनाशी खण्ड है। यह कब विनाश नहीं होता।

*प्रश्र:-ईश्वर भारत में ही आकर शरीर में प्रवेश करते हैं, जिसको क्या कहते हैं?*
उत्तर:-भागीरथ, नंदी-गण भी कहते हैं। नंदीगण नाम सुन उन्होंने फिर जानवर रख दिया है।
✅ तुम जानते हो कल्प-कल्प बाप ब्रह्मा तन में आते हैं। वास्तव में जटायें तुमको हैं। राजऋषि तुम हो।
👌 ऋषि हमेशा पवित्र रहते हैं। राजऋषि हो, घरबार भी सम्भालना है। धीरे-धीरे पवित्र बनते जायेंगे। वह फट से बनते हैं क्योंकि वह घरबार छोड़कर जाते हैं। तुमको गृहस्थ व्यवहार में रहते पवित्र बनना है। फ़र्क हुआ ना।
✅ तुम जानते हो हम इस पुरानी दुनिया में बैठ नई दुनिया का वर्सा ले रहे हैं।
🇲🇰 बाप कहते हैं मीठे-मीठे बच्चों, यह पढ़ाई भविष्य के लिए है। तुम नई दुनिया के लिए पुरूषार्थ कर रहे हो। तो बाप को कितना न याद करना चाहिए।

*प्रश्र:-बहुत हैं जो एक दो के नाम रूप में फँसते हैं। तो?*
उत्तर:-तो उनको शिवबाबा कभी याद नहीं पड़ेगा। जिससे प्यार करेंगे वह याद आता रहेगा। वह यह सीढ़ी चढ़ न सके। नाम रूप में फँसने की भी एक बीमारी लग जाती है।
▶️ बाबा वारनिंग देते हैं एक दो के नाम रूप में फँस अपना पद भ्रष्ट कर रहे हो। औरों का कल्याण भल हो जाए परन्तु तुम्हारा कुछ भी कल्याण नहीं होगा।
▶️ अपना अकल्याण कर बैठते हैं। (पण्डित का मिसाल) ऐसे बहुत हैं जो नाम रूप में फँस मरते हैं।
▶️ (गीत) अब तुम बच्चे जान गये हो कि आधाकल्प हमने दु:ख सहन किया है। गम सहन किये हैं। अभी वह निकल खुशी का पारा चढ़ता है। तुम गम देखते-देखते एकदम तमोप्रधान बन पड़े हो।
▶️ अभी तुमको खुशी होती है-हमारे सुख के दिन आये हैं। सुखधाम में जा रहे हैं।
😥 दु:ख के दिन पूरे हुए। तो सुखधाम में ऊंच पद पाने का पुरूषार्थ करना चाहिए। मनुष्य पढ़ते हैं सुख के लिए।

*प्रश्र:-तुम जानते हो हम भविष्य विश्व के मालिक बन रहे हैं। पत्र में क्या लिखते हैं?*
उत्तर:-बाबा हम आपसे पूरा वर्सा लेकर ही रहेंगे अर्थात् सूर्यवंशी राजधानी में हम ऊंच पद पायेंगे। पुरूषार्थ की सम्पूर्ण भावना रखनी है।
▶️ (गीत) अब सतयुग के तुम्हारे सुख की उम्मीदों के दीवे जग रहे हैं। दीवा बुझ जाता है तो दु:ख ही दु:ख हो जाता है।
🇲🇰 भगवानुवाच तुम्हारा सब दु:ख अब मिट जाने वाला है। अब तुम्हारे सुख के घनेरे दिन आ रहे हैं।
▶️ पुरूषार्थ कर बाप से पूरा वर्सा लेना है। जितना अब लेंगे, इससे समझेंगे हम कल्प-कल्प यह वर्सा पाने के अधिकारी बनते हैं।
▶️ हर एक समझते जायेंगे हम किसको यह रास्ता बताते हैं।
🇲🇰 बाबा कहते हैं पुण्य आत्मा नम्बरवन सूर्यवंशी में बनना है। अन्धों की लाठी बनना है।
👉 प्रश्नावली आदि बोर्ड पर जहाँ तहाँ लगाना चाहिए। एक बाप को सिद्ध करना है। वही सबका बाप है।
🇲🇰 वह बाप ब्रह्मा द्वारा ब्राह्मण रचते हैं। ब्राह्मण से तुम देवता बनेंगे। शूद्र थे, अभी हो ब्राह्मण। ब्राह्मण हैं चोटी, फिर हैं देवता। चढ़ती कला तुम ब्राह्मणों की है।

*प्रश्र:-तुम ब्राह्मण, ब्राह्मणियां क्या करते हो?*
उत्तर:-भारत को स्वर्ग बनाते हो। पांव और चोटी, बाजोली खेलने से दोनों का संगम हो जाता है।
👌 कितना अच्छी रीति समझाते हैं। विनाश हुआ, तो समझेंगे हमारी राजधानी स्थापन हुई। फिर तुम सब शरीर छोड़ अमरलोक में जायेंगे। यह मृत्युलोक है।
▶️ (गीत) जब से मुहब्बत हुई है। इसका यह मतलब नहीं कि पुरानी मुहब्बत वाले ऊंच पद पायेंगे और नई मुहब्बत वाले कम पद पायेंगे।
▶️ नहीं, सारा मदार पुरूषार्थ पर है। देखा जाता है बहुत पुरानों से नये तीखे जाते हैं क्योंकि देखेंगे कि बाकी समय बिल्कुल थोड़ा है तो मेहनत करने लग पड़ते हैं। प्वाइंट्स भी सहज मिलती जाती हैं।
🇲🇰 बाप का परिचय दे समझायेंगे तो गीता का भगवान कौन - शिव वा श्रीकृष्ण? वह है रचयिता, वह है रचना। तो जरूर रचता को भगवान कहेंगे ना।
👉 तुम सिद्ध कर बतायेंगे यज्ञ जप तप शास्त्र आदि पढ़ते नीचे उतरते आये।
👉 भगवानुवाच कहकर समझायेंगे तो किसको गुस्सा नहीं लगेगा। आधाकल्प भक्ति चलती है। भक्ति है रात। उतरती कला, चढ़ती कला।
👉 सबको सद्गति में आना है वाया गति। यह समझाना पड़े। बिल्कुल सिम्पुल रीति समझाने से बहुत खुशी होगी। बाबा हमको ऐसा बनाते हैं।

*प्रश्र:-अभी आत्मा को क्या मिला है?*
उत्तर:-पंख मिले हैं। आत्मा जो भारी है वह हल्की बन जाती है। देह का भान छूटने से तुम हल्के हो जायेंगे।
🇲🇰 बाप की याद में तुम कितना भी पैदल करते जायेंगे तो थकावट नहीं होगी। यह भी युक्तियां बतलाते हैं।
👉 शरीर का भान छूट जाने से हवा मिसल उड़ते रहेंगे। *अच्छा!*

*मीठे-मीठे सिकीलधे बच्चों प्रति मात-पिता बापदादा का याद-प्यार और गुडमार्निंग। रूहानी बाप की रूहानी बच्चों को नमस्ते।*

*धारणा के लिए मुख्य सार:-*

1) देह-अभिमान वश कभी रूठना नहीं है। साकार द्वारा बाप की मत लेनी है। एक परमात्मा माशुक का सच्चा आशिक बनना है।

2) घरबार सम्भालते राजऋषि बनकर रहना है। सुखधाम में जाने की पूरी उम्मीद रख पुरूषार्थ में सम्पूर्ण भावना रखनी है।

*वरदान:-माया की बड़ी बात को भी छोटी बनाकर पार करने वाले निश्चयबुद्धि विजयी भव*

⏩ कोई भी बड़ी बात को छोटा बनाना या छोटी बात को बड़ा बनाना अपने हाथ में हैं।

⏺️ किसी-किसी का स्वभाव होता है छोटी बात को बड़ी बनाना और कोई बड़ी बात को भी छोटा बना देते हैं।

⏫ तो माया की कितनी भी बड़ी बात सामने आ जाए लेकिन आप उससे बड़े बन जाओ तो वह छोटी हो जायेगी।

🔼 स्व-स्थिति में रहने से बड़ी परिस्थिति भी छोटी लगेगी और उस पर विजय पाना सहज हो जायेगा।

🩸समय पर याद आये कि मैं कल्प-कल्प का विजयी हूँ तो इस निश्चय से विजयी बन जायेंगे।

*स्लोगन:-वरदाता को अपना सच्चा साथी बना लो तो वरदानों से झोली भर जायेगी।*

*ओम शान्ति*

8/08/2022 Murli Revision #आज की मुरली #मुरलीसेमुख्यबातें #Murlirevision /मुरली का सार/ Hindi Murli 07/08/2022

*⏰ 8 मिनट में मुरली से मुख्य बातें/ Murli Revision 🤗🇲🇰👇*
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https://youtu.be/Qp5q_1e9ii4

8/08/2022 Murli Revision #आज की मुरली #मुरलीसेमुख्यबातें #Murlirevision /मुरली का सार/ Hindi Murli Om shanti 🇲🇰Dear viewers; WELCOME TO our YouTube Channel "EASY RAJYOGA(TRUE ESSANCE OF LIFE"https://youtube.com/channel/UCqkI3fyxuM8pLKXDWH69v-A In spiritu...

06/08/2022

Murli revision points 07/08/2022
मुरली से मुख्य बातें 🇲🇰👇

💃ज्ञान डांस के महावाक्य

💃आज बापदादा ने सभी के मन में स्नेह की भावना और समान बनने की श्रेष्ठ कामना की उमंग उत्साह देखा।
💃ब्राह्मण सदा परमात्म-प्यार के झूले में झुलते हो। न कल का फिक्र है, न काल का फिक्र है। क्योंकि जानते हो -
💃🏿जो हो रहा है वह भी अच्छा और जो होना है वह और अच्छा, इसलिए अच्छा-अच्छा कहते अच्छे बन गये हो।
💃🏿ब्राह्मण जीवन अर्थात् बुराई को विदाई देना और सदा सब अच्छे ते अच्छा है इसकी बधाइयाँ मनाना।
💃🏿आप ब्राह्मण आत्माओं की सबसे बड़ी सेरीमनी है परमात्म मिलन,श्रेष्ठ आत्माओं का मिलन।तो हर समय सेरीमनी हुई। नाचो गाओ और खाओ यही सेरीमनी होती है।
💃बाप के साथ का वर्सा है ही विशेष पॉवर्स। इस पावर्स द्वारा सर्व कार्य सहज आगे बढ़ते जा रहे हैं।
💃🏿जन्मते ही समीपता का वरदान मिला। साथ रहें और साथ चलेंगे और साथ ही राज्य करेंगे। संगम पर,निराकारी दुनिया में और राजधानी में भी समीप
💃🏿उड़ रहे हो और तीव्र गति से उड़ते रहो। माया और प्रकृति की परिस्थितियाँ मास्टर सर्वशक्तिवान बन खेल-खेल में पार करते चलो।
💃हम सभी पूज्य और पूर्वज आत्मायें हैं इतना नशा रहता है? आप सभी इस सृष्टि रूपी वृक्ष की जड़ में बैठे हो ना? आदि पिता के बच्चे आदि रतन हो।
💃🏿इस वृक्ष के तना भी आप हो। सबसे आदि धर्म की आप आत्माएं हो और सभी पीछे निकलते हैं इसलिए पूर्वज हो।
💃🏿आजकल के ब्राह्मण भी कहते हैं कि हम ब्रह्मा के बच्चे हैं। लेकिन ब्रह्मा के बच्चे प्रैक्टिकल में आप हो।
💃🏿तो यह खुशी है कि हम डायरेक्ट रचना है। कोई महान आत्मा, धर्म आत्मा की रचना नहीं, डायरेक्ट परम आत्मा की रचना हैं।
💃🏿डायरेक्ट में कितनी शक्ति है! दुनिया वाले ढूँढ़ रहे हैं कि कोई वेष में भगवान आ जायेगा और आप कहते मिल गया। तो कितनी खुशी हैं!
💃तो इतनी खुशी रहती है कि आपको देख करके और भी खुश हो जाएं क्योंकि खुश रहने वाले का चेहरा सदा ही खुशनुम: होगा ना!
💃सदा हर्षित मूड में रहो। कुछ भी हो जाए अपनी मूड नहीं ऑफ करना। कोई गाली भी दे, इनसल्ट भी करें लेकिन आप सदा हर्षित रहना।

🇲🇰🇲🇰सतगुरु के रूप में बाबा के राय

🇲🇰स्नेह के रिटर्न में वरदाता बाप बच्चों को यही वरदान दे रहे हैं - “सदा हर समय, हर एक आत्मा से, हर परिस्थिति में स्नेही मूर्त भव''।
🇲🇰कभी भी अपना स्नेही मूर्त, स्नेह की सीरत, स्नेही व्यवहार, स्नेह के सम्पर्क-सम्बन्ध को छोड़ना मत, भूलना मत।
🇲🇰चाहे कोई व्यक्ति, प्रकृति, माया कैसा भी विकराल रूप,सामने आये लेकिन सदा स्नेह के शीतलता द्वारा परिवर्तन करते रहना।
🇲🇰कोई स्नेह नहीं भी दे लेकिन आप मास्टर स्नेह स्वरूप आत्मायें दाता बन रूहानी स्नेह देते चलो। आज की जीव आत्मायें स्नेह अर्थात् सच्चे प्यार की प्यासी हैं।
🇲🇰स्नेह की एक घड़ी अर्थात् एक बूँद की प्यासी है। सच्चे स्नेह के लिए परेशान हो भटक रहे हैं। सच्चे रूहानी स्नेह को ढूँढ रहे हैं।
🇲🇰ऐसी प्यासी आत्माओं को सहारा देने वाले आप मास्टर ज्ञान सागर हो।
🇲🇰आप सभी प्रवृत्ति वाले अपनी कमाई से नहीं खाते हैं, सेन्टर वाले सेन्टर की भण्ड़ारी से नहीं खाते हैं
🇲🇰लेकिन ब्रह्मा बाप और, शिव बाप की भण्ड़ारी से खाते हैं।इसलिए सदा ब्रह्मा भोजन खाते हो। न मेरी प्रवृत्ति है, न मेरा सेन्टर है।
🇲🇰प्रवृत्ति में हो तो भी ट्रस्टी हो, बाप की श्रीमत प्रमाण निमित्त बने हुए हो, और सेन्टर पर हो तो भी बाप के सेन्टर हैं न कि मेरे,
🇲🇰 इस स्मृति से भण्डारी और भण्डारा दोनो भरपूर रहेगा। मेरापन लाया तो भण्डारा में बरकत नहीं होगी
🇲🇰आप सभी आवाज़ से परे जाते हो। यह प्रैक्टिस बहुत अच्छी है - अभी-अभी बहुत आवाज़ में हो,अभी आवाज से पड़े।
🇲🇰 चाहे डिस्कस कर रहे हो, ऐसे वातावरण में भी संकल्प किया आवाज़ से परे हो जाएं तो सेकेण्ड में आवाज़ से न्यारे फरिश्ता स्थिति में टिक जाओ।
🇲🇰अभी-अभी कर्मयोगी, अभी-अभी फरिश्ता अर्थात् आवाज़ से परे अव्यक्त स्थिति।
🇲🇰यह नहीं कि वातावरण बहुत आवाज़ का है, इसलिए आवाज़ से परे होने में टाइम चाहिए। ऐसा नहीं होना चाहिए।
🇲🇰क्युकी लास्ट समय चारों ओर चिल्लाने का, हिलाने का वायुमण्डल होगा। ऐसे समय पर सेकेण्ड में अव्यक्त फरिश्ता सो निराकारी अशरीरी आत्मा हूँ - यह अभ्यास ही विजयी बनायेगा।
🇲🇰मालिक बन चाहे तो मुख का साज़ बजाएं, चाहें तो कानों द्वारा सुनें, अगर नहीं चाहें तो सेकेण्ड में फुलस्टॉप। आधा स्टॉप भी नहीं, फुलस्टॉप।
🇲🇰यही है ब्रह्मा बाप के समान बनना। स्नेह की निशानी है समान बनना।
🇲🇰जब दिल बड़ी है तो प्यार में कोई भी तकलीफ नहीं लगती है। बापदादा को बच्चों की तकलीफ देखी नहीं जाती।योग लगाओ तो स्थान तैयार हो जायेगा
🇲🇰बाप का हाथ और दिव्य बुद्धि योग रूपी साथ सदा अनुभव कर समर्थ बन सदा पास विथ ऑनर बनते चलो।

👨‍🏫✍️📚शिक्षक के रूप में बाबा के सिक्षाए

🧑‍🏫ज्ञान तो पीछे समझते हो लेकिन पहला आकर्षण सच्चा नि:स्वार्थ पारिवारिक प्यार। यही फाउण्डेशन रहा, इससे ही सभी आये ।
🧑‍🏫विश्व में अरब खरब पति बहुत हैं लेकिन परमात्म सच्चे प्यार के भिखारी हैं क्यों? अरब खरब से यह प्यार नहीं मिलता।
👩‍🏫साइन्स वालों ने देखो कितने भी अल्पकाल के सुख के साधन विश्व को दिये हैं लेकिन सन्तुष्टता की अनुभूति नहीं है,और कुछ खोज करें इसमें ही समय गँवा देते हैं।

👮👮‍♂️रूहानी मिलिट्री के प्रति बाबा के राय

👮👮‍♂️सच्चे सेवाधारी वह हैं जो समर्पण भाव से सेवा करते हैं। सेवा में जरा भी मेरे पन का भाव न हो। जहाँ मेरा पन है वहाँ सफलता नहीं।
👮👮‍♂️जब कोई यह समझ लेते हैं कि यह मेरा काम है, मेरा विचार है, यह मेरी फर्ज-अदाई है-तो यह मेरापन आना अर्थात् मोह उत्पन्न होना।
👮👮‍♂️कहाँ भी रहते सदा स्मृति रहे कि मैं निमित्त हूँ, यह मेरा घर नहीं लेकिन सेवा-स्थान है तो नष्टोमोहा बन सफलता को प्राप्त कर लेंगे
👮‍♂️👮ग्लोबल हॉस्पिटल के सेवाधारी के प्रति बाबा ने कहा
👉ऐसा वातावरण खुशी का है जो कोई भी आये, दु:ख भूल जाये क्योंकि वातावरण बनता है व्यक्ति के वायब्रेशन से।
👉खुशी का संगठन हो तो कैसी भी दु:खी आत्मायें आयेंगी तो बदल जायेंगी। प्रभाव जरूर पड़ता है। तो यह सिर्फ हेल्दी नहीं,एवरहैप्पी हॉस्पिटल है ।
👉सब मुस्कराते रहेंगे, हँसते रहेंगे तो आधी दवाई हो जायेगी। आधी दवाई खुशी है। तो दवाइयों का भी खर्चा बच जायेगा ।
👮👮‍♂️साकार में कोई बहुत बातें लेकर ब्रह्मा बाप के आगे से उन बातों का हल अन्दर ही अन्दर हो जाता था। यह अनुभव सुने हैं ना।
👮👮‍♂️जितना तपस्या में आगे बढ़ते जायेंगे उतना आपके वायब्रेशन बहुत तीव्रगति से काम करेंगे। कम खर्चा बाला नशीन वाली हॉस्पिटल होनी चाहिए।
👮👮‍♂️ टाइम भी कम खर्च हो और स्थूल धन भी कम खर्च हो। नाम बड़ा और खर्चा कम।ऐसे अलौकिक सेवाधारी हो ना!
👉हॉस्पिटल ऐसा आवाज होगा कि यह हॉस्पिटल नहीं है लेकिन योग केन्द्र है, हैप्पी हाउस है।
👉जो भी अन्दर जायेगा हँसता ही रहेगा। लेकिन ये मन की मुस्कराहट है। सदाकाल के लिए।

🌹वरदान:-समर्पण भाव से सेवा करते सफलता प्राप्त करने वाले सच्चे सेवाधारी भव
🌹स्लोगन:-सदा अपने स्वमान की सीट पर रहो तो सर्व शक्तियां आर्डर मानती रहेंगी।
🌷ओम शान्ती🌷

4 August 2022 आज की मुरली Revision #Murlirevision #मुरलीसेमुख्यबातें #Murlikasaar /Murli Today 03/08/2022

*⏰मुरली से मुख्य बातें/Murli Revision 🇲🇰4 August 2022 *
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4 August 2022 आज की मुरली Revision #Murlirevision #मुरलीसेमुख्यबातें #Murlikasaar /Murli Today Om shanti 🇲🇰Dear viewers; WELCOME TO our YouTube Channel "EASY RAJYOGA(TRUE ESSANCE OF LIFE"https://youtube.com/channel/UCqkI3fyxuM8pLKXDWH69v-A In spiritu...

01/08/2022

आज की Murli Quiz 🇲🇰👇

Q१)मास्टर सर्वशक्तिमान् बनना क्या है❓
🇲🇰समय पर सर्व शक्तियों को कार्य में लगाना ही मास्टर सर्वशक्तिमान् बनना है।

Q२)आत्मा की खाद कैसे निकलेगी❓
🇲🇰आत्मा में जो खाद पड़ी है वह याद की अग्नि से निकालनी है। विकर्म विनाश करने हैं। बहादुर बन सेवा करनी है। डरना नहीं है।

Q३)कोई भी काम कैसे निकलवाना है ❓
🇲🇰कोई भी काम प्यार से निकालना है, क्रोध से नहीं। बाप की याद में सदा हर्षित रहना है। सदा देवताओं जैसे मुस्कराते रहना है।

Q४)क्या कर्मसन्यास अक्षर सही है ❓
🇲🇰कर्म संन्यास अक्षर ही रांग है। यह है कर्मयोग, राजयोग।

Q५)हमे कैसे बनने रहना है ❓
🇲🇰बाप जो ज्ञान की मीठी-मीठी बातें सुनाते हैं वह धारण करनी है - बहुत मीठा क्षीरखण्ड बनकर रहना है, कभी लून-पानी नहीं होना हैl

31 July 2022 आज की मुरली Revision #Murlirevision #मुरलीसेमुख्यबातें #Murlikasaar /Murli Today 31/07/2022

,*⏰10 मिनट में मुरली से मुख्य बाते/ Murli Revision🇲🇰👇*
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31 July 2022 आज की मुरली Revision #Murlirevision #मुरलीसेमुख्यबातें #Murlikasaar /Murli Today Om shanti 🇲🇰Dear viewers; WELCOME TO our YouTube Channel "EASY RAJYOGA(TRUE ESSANCE OF LIFE"https://youtube.com/channel/UCqkI3fyxuM8pLKXDWH69v-A In spiritu...

30/07/2022

31/07/2022 आज की मुरली से👇

👮👮‍♂️रूहानी मिलिट्री के प्रति बाबा के राय

👮‍♂️👮जब सर्व आशाएं पूर्ण करने वाले बाप के बन गये तो निराशा कहाँ से आई? आपका आक्युपेशन ही है निराशावादी को आशावादी बनाना। यही सेवा है

🌹वरदान :अपनी सर्व जिम्मेवारियों का बोझ बाप को दे स्वयं हल्का रहने वाले निमित्त और निर्माण भव
🌹स्लोगन :सन्तुष्टमणी वह है - जिसके जीवन का श्रृंगार सन्तुष्टता है।
🌷ओम शान्ती🌷

30/07/2022

31/07/2022 आज की मुरली से 👇

👨‍🏫✍️📚शिक्षक के रूप में बाबा के सिक्षाए

🧑‍🏫यह तो दुनिया के अनुसार आप भी इस दिन को महत्व दे रहे हो लेकिन वास्तव में आप सब ब्राह्मण आत्माओं का संगमयुग ही नवीनता का युग है।
👩‍🏫 नई दुनिया का ज्ञान इस समय ही आप आत्माओं को है। नये युग में नई दुनिया स्थापन कर रहे हो।
🧑‍🏫 जो एक्यूरेट रीति से चार्ट लिखा है, वह भी बापदादा द्वारा, ब्राह्मण परिवार द्वारा बधाइयां लेने के पात्र हैं।
👩‍🏫यथार्थ तपस्या की निशानी है कर्म, सम्बन्ध और संस्कार - तीनों में नवीनता की विशेषता स्वयं भी अनुभव हो और औरों को भी अनुभव हो।
👩‍🏫यथार्थ चार्ट का अर्थ है हर सब्जेक्ट में प्रगति अनुभव हो, परिवर्तन अनुभव हो।
👩‍🏫 एक तरफ याद अग्नि बन भस्म करने का परिवर्तन करने का काम करती है,और दूसरे तरफ खुशी और हल्केपन का अनुभव कराती है।
👩‍🏫 मैजारिटी को स्मृति की विषय में अच्छे नम्बर मिले हैं।लेकिन स्मृति और समर्थी, दोनों साथ-साथ रहना - इसको कहेंगे नम्बरवन प्राइज़ के योग्य।
👩‍🏫थोड़े समय में भी विधि-पूर्वक पुरुषार्थ की वृद्धि कर अपने मन-बुद्धि-कर्म और सम्बन्ध को सदा अचल-अडोल बनाया तो आगे चलकर बहुत काम में आयेगा
👩‍🏫 तब सफलता की खुशी स्वयं भी अनुभव करेंगे और औरों द्वारा भी सन्तुष्टता की दुवाएं प्राप्त करते रहेंगे ।
👩‍🏫इसलिए ऐसे नहीं समझना कि समय बीत गया, लेकिन अभी भी वर्तमान और भ1विष्य श्रेष्ठ बना सकते हो।
👩‍🏫 इस मास के 30 दिन भी अगर सहज, स्वत:, शक्तिशाली, विजयी आत्मा का अनुभव किया, तो सदा के लिए नेचुरल संस्कार बनाने की गिफ्ट प्राप्त कर सकते हो।

30/07/2022

31/07/2022 आज की मुरली से👇

🇲🇰🇲🇰सतगुरु के रूप में बाबा के राय

🇲🇰पुरुषार्थ वा सेवा के सफलता में, सन्तुष्टता में सदा श्रेष्ठ परसेन्टेज़ की नवीनता लाओ।
🇲🇰बापदादा पुरुषार्थ का प्रेशर देखते हैं, बहुत अच्छा जाता है, लेकिन कभी कभी जम्प मारता है। यह कभी कभी का शब्द समाप्त करो।
🇲🇰 ऐसे कौन हैं जो समझते हैं कि हम इनाम के पात्र बने हैं? इनाम लेने के पहले यह विशेषता देखो कि इन 6 मास के अन्दर तीन प्रकार की सन्तुष्टता प्राप्त की है?
👉पहला - स्व के चार्ट से, स्वयं सच्चे मन,सच्चे दिल से सन्तुष्ट होना।
👉दूसरा : बापदादा के चाहना अनुसार विधि-पूर्वक मन-वचन-कर्म और सम्पर्क में सम्पूर्ण चार्ट होना।अर्थात् बाप भी सन्तुष्ट होना।
👉तीसरा - ब्राह्मण परिवार हमारे श्रेष्ठ योगी जीवन से सन्तुष्ट रहा?
🇲🇰तीनों प्रकार की सन्तुष्टता अनुभव करना अर्थात् प्राइज़ के योग्य बनना। विधि-पूर्वक आज्ञाकारी बन चार्ट रखने को भी मार्क्स मिलती है।
🇲🇰 लेकिन सम्पूर्ण पास मार्क्स उनको मिलती है जो चार्ट रखने के साथ-साथ पुरुषार्थ की विधि और वृद्धि की भी मार्क्स लें।
🇲🇰परिस्थितियां व्यक्ति द्वारा या प्रकृति द्वारा या माया द्वारा आना यह ब्राह्मण जीवन में आना ही है।
🇲🇰लेकिन स्व-स्थिति की शक्ति से परिस्थिति के प्रभाव को ऐसे ही समाप्त करना है जैसे एक मनोरंजन की सीन सामने आई और गई।
🇲🇰 संकल्प में भी परिस्थिति के हलचल की अनुभूति न हो। याद की यात्रा सहज भी हो और शक्तिशाली भी हो। पॉवरफुल याद एक समय पर डबल अनुभव कराती है।
🇲🇰कुछ भी हो,परिस्थिति आ जाये,संस्कार टक्कर खायें,प्रकृति भी पेपर ले,लेकिन अंगद समान मन-बुद्धि रूपी पांव को हिलाना नहीं,अचल रहना।
🇲🇰 बीती में अगर कोई हलचल भी हुई हो उसको संकल्प में भी स्मृति में नहीं लाना। फुल स्टॉप लगाना।
🇲🇰 वर्तमान को बाप समान श्रेष्ठ, सहज बनाना और भविष्य को सदा सफलता के अधिकार से देखना। इस विधि से सिद्धि को प्राप्त करना।
🇲🇰 कल से नहीं, अभी से करना। स्मृति मास के थोड़े समय को बहुतकाल का संस्कार बनाओ। यह विशेष वरदान विधि-पूर्वक प्राप्त करना।
🇲🇰वरदान का अर्थ यह नहीं कि अलबेले बनो। अलबेला नहीं बनना, लेकिन सहज पुरुषार्थी बनना।
🇲🇰कुमारियों का संगठन बैठा है। सदा आगे रहना है इसलिए यह आगे बैठने का चांस मिला है। पका हुआ फल बनके निकलना, कच्चा नहीं गिर जाना।
🇲🇰सभी पढ़ाई पूरी कर सेन्टर पर जायेंगी या घर में जायेंगी? अगर माँ बाप कहे आओ तो क्या करेंगी?
🇲🇰 अगर अपनी हिम्मत है तो कोई किसको रोक नहीं सकता है। थोड़ा-थोड़ा आकर्षण होगा तो रोकने वाले रोकेंगे।
🇲🇰नव वर्ष मनाने के लिए सभी भागकर आ गये। नया वर्ष मनाना अर्थात् हर समय को नया बनाना। हर समय अपने में रूहानी नवीनता को लाना है।
🇲🇰तो सदा स्वयं को सहज पुरुषार्थी और सदा पुरुषार्थी, सदा विधि से वृद्धि को प्राप्त करने वाले योग्य आत्माएं बनाए उड़ते रहो।
🇲🇰जब अपनी जिम्मेवारी समझ लेते हो तब माथा भारी होता है। जिम्मेवार बाप है, मैं निमित्त मात्र हूँ - यह स्मृति हल्का बना देती है
🇲🇰अपने पुरूषार्थ का बोझ, सेवाओं का बोझ, सम्पर्क-सम्बन्ध निभाने का बोझ...सब छोटे-मोटे बोझ बाप को देकर हल्के हो जाओ।
🇲🇰अगर थोड़ा भी संकल्प आया कि मुझे करना पड़ता है, मैं ही कर सकता हूँ,यह मैं-पन भारी बना देगा। निमित्त समझने से निर्मानता का गुण स्वत: आ जाएगा।

30/07/2022

31/07/2022 काज की मुरली से👇

💃ज्ञान डांस के महावाक्य

💃 नये वर्ष के आरम्भ को दुनिया में चारों ओर मनाते हैं।वो एक दिन मनाते हैं और आप हर दिन को नया अनुभव करते हो।
💃 संगमयुग है सारे युगों में सर्व प्रकार की नवीनता लाने का युग।संगमयुगी ब्राह्मण जीवन नया जीवन है।
💃🏿नई नॉलेज नई वृत्ति दृष्टि और नई सृष्टि में आ गये हो। दिन-रात, हर समय, हर सेकेण्ड नया लगता है। सम्बन्ध भी कितने नये बन गये!
💃🏿 पुराने सम्बन्ध और ब्राह्मण सम्बन्ध में कितना अन्तर है! वह है अनेक स्वार्थ के सम्बन्ध।यहाँ छोटा सा नया ब्राह्मण संसार ही अति प्यारा है।निस्वार्थ हैं
💃🏿दुनिया वाले एक दिन एक दो को मुबारक देते हैं। यहा आप और बापदादा हर समय, हर आत्मा के प्रति शुभ भावना, शुभ कामना की मुबारक देते हैं।
💃🏿 किसी भी उत्सव के दिन की मुबारक देते हैं तो कहते हैं खुश रहो,शक्तिशाली रहो।आप हर समय आत्माओं को नई जीवन देने की सेवा करते हो।
💃🏿आप जैसे खुशनसीब, खुशी के खज़ानों से सम्पन्न, सदा सुखी और कोई हो सकता है! इस नवीनता की विशेषता आपके देवताई जीवन में भी नहीं है।
💃🏿 हर समय स्वत: ही बापदादा द्वारा मुबारक, बधाइयां वा ग्रीटिंग्स मिलती ही रहती हैं।
💃🏿दुनिया वाले नाचेंगे, गायेंगे और कुछ खायेंगे। और आप हर सेकेण्ड नाचते और गाते रहते हो और हर रोज ब्रह्माभोजन खाते रहते हो।
💃🏿लोग तो खास पार्टीज़ अरेंज करते हैं और आपकी सदा ही संगठन की पार्टीज़ होती रहती हैं। अमृतवेले से पार्टी शुरू हो जाती है।
💃🏿पहले बापदादा से अनेक सम्बन्ध और स्वरूपों से मिलन मनाते हो। फिर आपस में ब्राह्मण जब क्लास करते हो तो संगठन में मिलन मनाते हो
💃🏿मुरली सुनते-सुनते नाचते हो, गाते हो। और हर समय उत्साह भरे जीवन में उड़ते रहते हो। ब्राह्मण जीवन का श्वांस ही है उत्साह।
💃🏿अगर उत्साह कम होता है तो ब्राह्मण जीवन के जीने का मज़ा नहीं होता है। ब्राह्मण जीवन अर्थात् उत्साह, निराशा नहीं।

29/07/2022

*आज की Murli Quiz 🧑‍🏫📚29/07/2022*

Q१) सच्चा योग कौन सीखते है ❓
🇲🇰सच्चा योग तो खुद परमात्मा ही सिखलाए सूर्यवंशी चन्द्रवंशी घराना स्थापन कर दैवी राज्य स्थापन करते हैं।

Q२)तीव्र पुरूषार्थी की निशानी क्या है❓
🇲🇰समय रूपी खजाने को व्यर्थ से बचाना - यही तीव्र पुरूषार्थी की निशानी है।

Q३)किस की स्मृति में रहने से स्थिति खुशी की बन जायेगी ❓
🇲🇰खुशी की स्मृति में रहो तो स्थिति भी खुशी की बन जायेगी।

Q४)बाप का सच्चा बच्चा कौन है ❓
🇲🇰 बाप का सच्चा बच्चा वो है जो :_
१.अन्दर बाहर सब एक हो । २.याद की रूहानी दौड़ में आगे जाने का इच्छुक।
३.जो खुश-मिजाज़ है।

Q५) माताओं पर ज्ञान कलश क्यों रखा है ❓
🇲🇰माताओं पर कलष रखा है क्योंकि इस समय तुम्हारी हमजिन्स माताओं की बुरी गति है। तुम शिव शक्तियाँ कहलाती हो। तुम हो गुप्त सेना।Q१) सच्चा योग कौन सीखते है ❓
🇲🇰सच्चा योग तो खुद परमात्मा ही सिखलाए सूर्यवंशी चन्द्रवंशी घराना स्थापन कर दैवी राज्य स्थापन करते हैं।

Q२)तीव्र पुरूषार्थी की निशानी क्या है❓
🇲🇰समय रूपी खजाने को व्यर्थ से बचाना - यही तीव्र पुरूषार्थी की निशानी है।

Q३)किस की स्मृति में रहने से स्थिति खुशी की बन जायेगी ❓
🇲🇰खुशी की स्मृति में रहो तो स्थिति भी खुशी की बन जायेगी।

Q४)बाप का सच्चा बच्चा कौन है ❓
🇲🇰 बाप का सच्चा बच्चा वो है जो :_
१.अन्दर बाहर सब एक हो । २.याद की रूहानी दौड़ में आगे जाने का इच्छुक।
३.जो खुश-मिजाज़ है।

Q५) माताओं पर ज्ञान कलश क्यों रखा है ❓
🇲🇰माताओं पर कलष रखा है क्योंकि इस समय तुम्हारी हमजिन्स माताओं की बुरी गति है। तुम शिव शक्तियाँ कहलाती हो। तुम हो गुप्त सेना।

29 July 2022 आज की मुरली Revision #Murlirevision #मुरलीसेमुख्यबातें #Murlikasaar /Murli Today 29/07/2022

*🇲🇰मुरली से मुख्य बाते/Murli Revision ⏰9 मिनट में*👇
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28/07/2022

आज की मुरली QUIZ 🧑‍🏫📚🎖️🥇🏆🥉🥉28july2022

Q१) माया कब दूर से ही भाग जायेगी❓
🇲🇰सर्व शक्तियों की लाइट सदा साथ रहे तो माया दूर से ही भाग जायेगी।

Q२)हमारा स्लोगन क्या है ❓
🇲🇰बदला न लो बदलकर दिखाओ''। स्व परिवर्तन से विश्व परिवर्तन।

Q३)बुद्धि को शुद्ध बनाने के लिए क्या करना है ❓
🇲🇰बुद्धि को शुद्ध बनाने के लिए भोजन की बहुत परहेज रखनी है।

Q४)क्या क्या से सबकी पालना करनी है❓
🇲🇰ज्ञान-योग से सबकी पालना करनी है। ज्ञान योग में तीखा जाना है।

Q५) किनके हाथ का भोजन मिल जाए तो योग मैं मदद मिलेगी ❓
🇲🇰योगिन के हाथ का बनाया हुआ भोजन मिले तो तुम्हारी बहुत उन्नति हो जाए।योग में बहुत मदद मिलेगी।

Q६)देवताओं को ब्राह्मणों के हाथ का भोजन क्यों अच्छा लगता है ❓
🇲🇰देवताओं को ब्राह्मणों का भोजन अच्छा लगता है क्योंकि इस ब्राह्मणों के भोजन से देवता बनते हैं।

Q७)कृष्ण को याद करना मतलब क्या होता है ❓
🇲🇰कृष्ण भी देहधारी हो गया, उनको याद करना गोया 5 तत्वों के विनाशी शरीर को याद करना।

Q८) वृद्ध माताओं को क्या समझना है ❓
🇲🇰सिर्फ यह समझाओ कि पारलौकिक बाप का परिचय है तो उस बाप को याद करो।

Q९)देने वाला सबका कौन हैं❓
🇲🇰देने वाला सबको एक ही बाप है। सबका दाता एक है।

Q१०)बाप आकर क्या सीखते है❓कृपा और आशीर्वाद कब मिलती है ❓
🇲🇰 बाप तो आकर सहज राजयोग और ज्ञान की शिक्षा देते हैं। आशीर्वाद वा कृपा भक्ति मार्ग में ढेर देते हैं एक दो को।

रूहानी मिलिट्री _ गुप्त गंगा ग्रुप 🇲🇰🇲🇰🇲🇰🇲🇰🇲🇰

28 July 2022 आज की मुरली Revision #Murlirevision #मुरलीसेमुख्यबातें #Murlikasaar /Murli Today 28/07/2022

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Murli revision 9july 2022