शिक्षा नीति - 2020
दोस्तों आज हम नयी शिक्षा नीति - 2020 के बारे मे जानकारी प्राप्त करेगें।
मेरे प्रिय मित्रों मै आज काफी हर्ष महसूस कर रहा हूँ इसका सिर्फ एक ही कारण है कि आज शिक्षा के क्षेत्रं में एक बहुत ही महत्वपूर्ण कदम सरकार के द्वारा उठाया गया है भारत सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में एक बहुत ही बड़ा क्रांन्तिकारी कदम उठाया है जिसके के परिणामस्वरूप भविष्य मे शिक्षा के क्षेत्र में हमें एक बहुत बड़ी उपलब्धि प्राप्त होगी।
शिक्षा का महत्व -
मित्रों मै नीचे एक उदाहरण के माध्यम से आपको शिक्षा के महत्व को समझाना चाहता हूँ -
यदि व्यक्ति अशिक्षित है तो उसकी तुलना एक शिक्षित व्यक्ति से नहीं कि जा सकती है क्योंकि एक शिक्षित व्यक्ति कि जो सोचनें व समझने की क्षमता होगी व किसी आम व्यक्ति से कही ज्यादा अच्छी होगी।
दोस्तों मैने अपने जीवन मे बहुत से व्यक्तियों पर परिक्षण किया और मुझे यह ज्ञात हुआ कि एक शिक्षित व्यक्ति और अशिक्षित व्यक्ति के कार्य करने, सोचने, व्यवहार, बात करने के तरीकों में बहुत ही अन्तर होता है। दोस्तों यदि एक व्यक्ति के पास कार्य करने के तरिके न हो, सोचने की क्षमता न हो, व्यवहार करने का तरिका न हो, बात करने की समझ न हो तो दोस्तों ऐसे व्यक्ति की तुलना यदि जानवर से कि जाएं तो भी गलत नहीं होगा।
शिक्षा के महत्व को ध्यान में रखते हूए हमारी जो वर्तमान सरकार है वह नयी शिक्षा नीति 2020 के माध्यम से एक परिवर्तन लाने के मुहिम शुरू कि है जिसका परिणाम हम आने वाले में समय देखेगे। दोस्तों अब हम बात करगे अपनी शिक्षा नीति के बारे में -
सन् 1948 मे विश्विद्यालय शिक्षा आयोग क गठन हुआ जिसकी अध्यक्षता हमारे देश के द्वितीय राष्ट्रपति डा0 सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी ने किया और इनकी अध्यक्षता में शिक्षा व्यवस्था को व्यवस्थित करने की नीति प्रारम्भ हो गई। सन् 1952 में लक्षमणस्वामी मुदलियार की अध्यक्षता मे गठित माध्यमिक शिक्षा आयोग का गठन किया गया। इसके बाद सन् 1964 में दौलत सिंह कठोरी की अध्यक्षता में 1968 में शिक्षा नीति पर एक प्रस्ताव लाया गया जिसमे राष्ट्र के विकाश हेतु सभी वर्ग के लोगों को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य रखा गया और मई 1968 को राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू किया गया जो अभी तक लागू हैं(सन् 1968 में पहली बार शिक्षा नीति मे बदलाव किया गया)। इसी प्रकार सन् 1986 मे और 1992 में शिक्षा नीति में बदलाव लाया गया जो कोई बड़ा बदलाव नहीं था।
अब वर्तमान में नई शिक्षा नीति 2020 लाई गई है जिसके अध्यक्ष डाँ कृष्णस्वामी कस्तूरीरंगन है इनका जन्म 24 अक्टूबर 1940 को एर्नाकुलम, केरल मे हुआ। कस्तूरीरंगन पूर्व व अंतरिक्ष आयोग के अध्यक्ष, राज्यसभा के सांसद व भारतीय योजना आयोग के सदस्य भी रह चुके है। इन्हे भारत सरकार ने 1992 में विज्ञान के क्षेत्र में योगदान के लिए पद्य भूषण से भी सम्मानित किया है।
मित्रों जो हमारी Ministry of Human Resource Development (M.H.R.D) का नाम बदलकर National Education Policy रख दिया गया है।
जो हमारी पुरानी शिक्षा नीति 10 + 2 को बदलकर नयी शिक्षा नीति मे 5+3+3+4 को लाया गया है। दोस्तो हो सकता है आपको 5+3+3+4 शिक्षा नीति न समझ में आ रहा हो तो इसको नीचे मै विस्तार से समझाने का प्रयास कर रहा हूँ।
5+3+3+4 शिक्षा नीति -
1. Foundation Stage (5 Years plan)
यह स्टेज 5 साल का होता है इस स्टेज मे पहले 3 साल में बच्चों को Play way पढाई और 2 साल मे कक्षा 1 व कक्षा 2 कि पढ़ाई करायी जायेगी। इस स्टेज मे बच्चों को परिक्षा देने का प्रावधान नहीं होगा। इस स्टेज मे केवल बच्चों को खेल-कूद, पेन्टिग और मनोंरजन कराया जायेगा। इस स्टेज में बच्चे के ऊपर किसी भी प्रकार का शैक्षिक दबाव नहीं डाला जायेगा। इसके बाद हमारा अगला स्टेज है-
2. Preparatory stage(3 Years plan) -
यह स्टेज 3 साल का होगा और इस 3 साल मे बच्चों को कक्षा 3, कक्षा 4 और कक्षा 5 की पढाई करायी जायेगी। इस स्टेज में बच्चों से क्रियाकलापो के माध्यम से अध्यन कराया जायेगा अर्थात् बच्चों को प्रैक्टिकली पढाया जायेगा। इसके साथ ही विद्याार्थियों को उनकी मातृ-भाषा में पढ़ाया जायेगा यदि बच्चें चाहे तो अंग्रेजी भाषा का चुनाव कर सकते है लेकिन जबरन उन्हें अंगे्रजी भाषा में नहीं पढाया जायेगा। इस स्टेज से बच्चों का एग्जाम प्रारम्भ हो जायेगा और आगे सभी कक्षाओं में एग्जाम देनो होगा।
3. Middle stage(3 Years plan) -
यह स्टेज भी 3 साल का होता है और इन 3 सालों में हम कक्षा 6, 7, 8 की पढ़ायी करायी जायेगी। इस स्टेज में बच्चों को कम्पयूटर की पढाई व इसके साथ ही कोडिग लैंग्वेज को भी पढाया जायेगा। इसके साथ ही विद्यार्थियों को टवबंजपवदंस वत ज्मबीदपबंस बवनतेम भी कराया जायेगा। जैसेः- कारपेन्टर, इलेक्ट्रििशियन, कुकिंग और सिलाई इत्यादि कोर्सेज को कराया जायेगा और कुछ बेसिक सब्जेक्ट जो जरूरी है उसे भी पढाया जायेगा जैसे - मैथ, बिज्ञान, कला , सामाजिक बिज्ञान इत्यादि। इस स्टेज मे बिद्यार्थियों को भारतीय भाषाओं में ही अध्यन कराया जायेगा।
4. Secondary Stage (4 Years plan) -
यह स्टेज 4 साल का होता है और इन 4 सालों में हम कक्षा 9, 10, 11, 12 के पाठ्यक्रमों का अध्यन करते है और इस स्टेज में हर 6-6 महीने पर एग्जाम होगा जैसे कक्षा 9 मे दो बार एग्जाम देना पड़ेगा 6-6 महिनें पर। इसी प्रकार हर छः-छः महिने पर कक्षा 10, 11 व 12 कि भी परिक्षा देना पड़ेगा। इस स्टेज में कोई स्ट्रीम नहीं होगा जैसेः- बिज्ञान वर्ग व कला वर्ग अब ये वर्ग नहीं होगें विद्यार्थियों जो चाहे वो सब्जेक्ट लेकर पढ़ाई कर सकते है वह चाहे तो कला के साथ मैथ ले या वो चाहे तो बिज्ञान के साथ कला ले या वो चाहे तो अंग्रेजी, हिन्दी,गणित ले। अब बिद्यार्थियो को जो भी सब्जेट पढना चाहे वो ले सकते है किसी भी प्रकार का कोई हस्तक्षेप नहीं होगा। इस स्टेज में बच्चों की सोचने समझने की क्षमता का विकास करना है कि वह किस तरह जटिल समस्याओं का भी सामाधान बड़ी आसानी से कर ले। इस स्टेज में आप किसी भी एक बिदेशी भाषा को सीख सकते है जैसेः- ब्रिटिश, फ्रेंच , रूशियन इत्यादि। इस स्टेज मे चीन की लैग्वेंज को नहीं सम्मल्लित किया जायेगा।
Graduation -
इस स्टेज में आप जो चाहे वो सब्जेक्अ लेकर पढे जैसें हिन्दी के साथ मैथ, बायोलाॅजी ले या राजनीत शास्त्र के साथ भूगोल, रसायन बिज्ञान अब किसी भी प्रकार का सब्जेक्ट बांउडेशन नहीं होगा जिस सब्जेक्ट के साथ जो चाहे वो सब्जेक्ट ले। यदि आपने 1 साल कि पढ़ाई कि तो आप को एक साल का भी सर्टिफिकेट मिलेगा, 2 साल कि पढ़ाई कि तो दो साल का सर्टिफिकेट मिलेगा, 3 साल कि पढ़ाई कि तो तीन साल का सर्टिफिकेट मिलेगा और 4 साल कि पढ़ाई कि तो चार साल का सर्टिफिकेट मिलेगा पर जो एक साल ग्रेजुएशन करेगें उनके रिजल्ट पर certificate लिखा होगा और जो 2 साल का ग्रेजुएशन करेगें उनके रिजल्ट पर Diploma जो 3 साल का करेगें उन पर Digree जो चार साल का ग्रेजूएशन करेगें उनके रिजल्ट पर Research लिखा होगा।
पुनः प्रवेश: इससे पहले यदि आप ग्रेजुएशन 1, 2, साल पढ़ने के बाद छोड़ देते थे तो ग्रेजुएशन मे पुनः प्रवेश नहीं मिलता था आपको फिर से ग्रेजुएशन 1st year से करना पड़ता था लेकिन अब आपको शुरू से ग्रेजुएशन नहीे करना पड़ेगा आप जिस स्टेज में ग्रेजुएशन छोड़ेगे पुन जब आप दोबारा ग्रेजुएशन करेगे तो आपका उसी स्टेज से ग्रेजुएशन प्रारम्भ हो जायेगा अर्थात् पुनः ग्रेजुएशन 1st year से नहीं करना पड़ेगा।
Post Graduation -
पोस्ट ग्रेजुएशन 1 या 2 साल का कोर्स होगा जो लोग ग्रेजुएशन तीन साल का करेगे उनके लिए पोस्ट ग्रेजुएशन 2 साल का होगा और जो लोग गे्रजुएशन 4 साल का करेंगे उनके लिए पोस्ट ग्रेजुएशन 1 साल का होगा। अब M.Phil को समाप्त कर दिया गया है और अब आप डायरेक्ट PhD कर सकेगें।
कोविड - 19 के कारण स्थिति अत्यन्त खराब होने के कारण सन् 2022 से पहले नयी शिक्षा नीति को नहीं लागू किया जायेगा।
बिशेषताएं -
1. G.D.P का 6 % हमारी शिक्षा व्यवस्था पर खर्च किया जायेगा जो कि पहले कि तुलना मे 2 गुना है।
2. स्कूल में मनमानी ढ़ग से लिये जाने वाले फिसों पर लगाम लगायी जायेगी।
3. प्रैक्टिकल पर विशेष ध्यान दिया जायेगा और साथ में विद्यार्थियों को स्कील नाॅलेज भी दिया जायेगा।
बच्चों के रिजल्ट कई बिंदुओं पर आधारित होगे -
1. विद्यार्थियों को स्वयं का परिक्षण करना होगा कि वह कितन नम्बर पाने योग्य है।
2. उनके दोस्त कितना नम्बर देते है।
3. अध्यापक बच्चों को कितना नम्बर देते है। इन सारी बातों को ध्यान में रखते हुए बच्चों को नम्बर दिया जायेगा।
3.टाॅप 100 फाॅरेन यूनिवर्सिटि को भारत के अन्दर खालने कि व्यवस्था कि जायेगी।
शिक्षा के विभिन्न कार्यों को करने के लिए अलग -
अलग डिपार्टमेन्ट बनाये जायेगे जैसेः पाठ्यक्र का निर्धारण करने के लिए अलग विभाग होगा। छात्रों की उपस्थिति व जानकारी को ध्यान रखने के लिए अलग विभाग होगा। स्कालरशिप कि बारें में जानकरी उपलब्ध कराने के लिए अलग विभाग होगा।
अध्यापकों को बच्चों को पढ़ाने के लिए 4 साल का विशेष ट्रेनिग दिया जायेगा।
महत्वपूर्ण प्रश्न -
1. नई शिक्षा नीति 2020 के निर्माण के लिए समिति का गठन कब किया गया था -सन् 2017
2. किसकी अध्यक्षता में राष्ट्रीय शिक्षा नीति का मसौदा मई 2019 में प्रस्तुत किया गया था - कस्तूरीरंगन
3. M.H.R.D पूर्ण नाम क्या है - Ministry of Human Resource Development
4. M.H.R.D नया नाम क्या है - नयी शिक्षा नीति(N.E.P)
5. N.E.P का पूर्ण नाम क्या है - National Education Policy
6. किस वर्ष ऑपरेशन ब्लैक बोर्ड का प्रारम्भ हुआ - 1987
7. राष्ट्रीय शिक्षा नीति 1986 की समीक्षा किसके द्वारा की गई - राममूर्ति समिति
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राफेल विमान
राफेल क्या है ?
राफेल फ्रांस के डेसॉल्ट, थाल्सैंड व सफ्रान कम्पनि द्वारा निर्मि एक फाइटर जेट है। जो हवा से हवा में और हवा से जमीन पर आसानी से अपने टारगेट का खात्मा कर सकता हैं। राफेल 4.5 पीढ़ी की फाइटर जेट है जो मटियो व स्कैल्प मिसाइल से पूरी तरह लैस है। राफेल उड़ते समय ही हवा ईधन को भर सकता है।
राफेल का भारत आगमन -
राफेल विमान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह कि अगुवाई मे 27 जुलाई 2020 को फ्रांस से भारत के अंबाला एयरबेस के लिये रवाना हुआ। राफेल के भारत आगमन से पहले राजनाथ सिंह ने हिन्दु धर्म के अनुसार राफेल पर ओम का चिन्ह बनाया, पिला फूल चढाया, लड्डू चढाया, नारियल चढाया गया व शस्त्र पूजा विधिवत रूप से समाप्त किया गया। भारत सरकार ने कुल 36 राफेल का डिलि किया था जिसमे से अभी सिर्फ 5 राफेल भारत को मिला है।
राफेल की शक्ति -
भारत के लिए सुरक्षा कि दृष्टि से राफेल भारत के लिये बहुत ही जरूरी है क्योंकि हाल ही में चीन ने भारत के साथ जैसे व्यवहार दिखाया है इससे यह साफ स्पष्ट है कि यदि भारत पहले से तैयार नहीं रहा तो चीन इसका फायदा जरूर उठा सकता है और भारत को इसका खामियाजा भी भोगना पड़ सकता है राफेल के आ जाने से भारत की सुरक्षा में कुछ हद तक तो जरूर बढ़ोतरी हुयी है जो सुरक्षा कि दृष्टि से महत्वपूर्ण था। लेकिन अब भी भारत को चीन से मुकाबला करने के लिये अपने रक्षा शक्ति को और भी मजबूत करनी की जरूरत हैं। यदि बात भारत-पाकिस्तान कि सीमाओं कि किया जाएं तो यह भी भारत के लिये एक चिंता का विषय है क्योंकि पाक्स्तिन भी लबें समय से भारत के नाक में दम कर रखा है वह हमेशा से भारत-पाकिस्तान सीमा को लेकर आंतक का माहौल खड़ा करने कि कोशिश करता रहा है और वह हमेशा से इस कोशिश में असफल भी होता रहा है इन कारणों से भारत व पाकिस्तान के बिच हमेशा कड़वाहट का माहौल बना रहता है। अब राफेल के आ जाने से इसका पाकिस्तान के उपर बुरा असर पड़ेगा और पाकिस्तान भारत की ओर ऑंख उठाने से पहले एक बार जरूर सोचेगा।
राफेल विमान व पाकिस्तान के एफ-16 विमान कि तुलना -
1. राफेल में मीटियो, स्कैल्प मिसाइल लगी है जिसमें मीटियो कि मारक क्षमता 150 किमी0 व स्कैल्प कि मारक क्षमता 300 किमी0 है।
1. पाकिस्तान कि एफ-16 में एमराम मिसाइल लगी है जिसकी मारक क्षमता 100 किमी0 है।
2. राफेल 15240 मीटर कि उॅंचाई तय कर सकता है।
2. वही एफ-16 15235 मीटर कि ऊॅंचाई तय करता है।
3. राफेल कि चाल 18288 मी0/मिनट है।
3. वही एफ-16 कि चाल 15240 मी0/मिनट है।
4. राफेल का ईस्तमाल अफगानिस्तान, लीबिया, ईराक के युद्धों में किया गया था।
4. एफ-16 का ईस्तमाल 1986-89 के दौरान अफगान युद्ध में किया गया था।
5. राफेल 100 किमी0 के अन्दर 40 टारगेट को अपना निशाना बना सकती है।
5. वही एफ-16 84 किमी0 के अन्दर 20 टारगेट को अपना निशाना बना सकती है।
बिशेषताएं-
⦁ दसॉंल्ट एविएशन कम्पनि ने राफेल मिशाइल को बनाया।
⦁ रफाल अंबाला एयरबेस पर 29 जुलाई 2020 को पहुॅंचा।
⦁ राफेल विमान को फ्रांस देश ने बनाया।
⦁ इजिप्ट राफेल खरीदने वाला पहला देश है।
⦁ राफेल विमान केवल भारत, कतर, इजिप्ट, फ्रांस देशों के पास है।
⦁ मिटियॉंर मिसाइल हवा से हवा में मार करने वाली मिसाईल है जिसकी मारक क्षमता 150 किमी0 है।
⦁ राफेल विमान 24500 किमी0 भार उठा कर उड़ सकता है।
⦁ राफेल दो इंजन वाला विमान है।
⦁ राफेल कि लम्बाई 15.27 मीटर है।
⦁ राफेल कि 5.3 मीटर उंचा है।
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